Blog

जंगल का सच : वनों की अंधाधुंध अवैध कटाई जारी, वन अधिकारियों पर संरक्षण देने का आरोप, छ्ग राज्य वन विकास निगम की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे

बिगुल
रायपुर. छ्ग राज्य वन विकास निगम के बार नवापार परियोजना मंडल के अंतर्गत डिप्टी रेंजर द्वारा अवैध कटाई को संरक्षण देने तथा विभागीय जांच में लीपापोती कर अवैध कमाई करने का मामला सामने आया है.=

सूत्रों के मुताबिक नवापार परियोजना मंडल के अंतर्गत रवान के कक्ष क्रमांक 116 के टीपी 02 मे माह 07-05-2023 वित्तीय वर्ष 2022-2023 मे भौतिक विदोहन कार्य किया गया था जिसमे लगभग 95 अर्थात सौ घन मीटर का पातन किया जाना सुनिश्चित था परंतु रवान के डिप्टी रेंजर लोकेश साहू ने वरिष्ठ अधिकारियों के बगैर अतिरिक्त आदेश पत्र के 95 घन मीटर के स्थान पर दो सौ तीस से उपर घन मीटर अर्थात लक्ष्य से 130 घन मीटर अतिरिक्त विरलन कर दिया गया जब तक मामला उपर पहुंचे, उस पर लीपापोती कर ठंडे बस्ते मे डाल दिया गया.

वन विकास निगम के अन्य अधिकारियों की मिली भगत

इतना ही नही गोशवारा और अन्य प्रमाणको, दस्तावेज मे कुछ हस्तलिखित स्थान से मामले को दबाने का प्रयास किया गया. अब सवाल यह उठता है कि क्या परिक्षेत्राधिकारी रवान को इसका भान था? बार डिप्टी डी. एम. चित्रा को इसकी भनक थी? यदि थी तो इस अधिक विरलन को रोका क्यो नही गया? क्या इसके पीछे वन विकास निगम के अन्य अधिकारियों की मिली भगत थी ? जिसकी आशंका व्यक्त की जा रही है यदि इतने बड़े पैमाने पर कटाई का हो जाना उस पर लोकेश साहू डिप्टी रेंजर वन विकास निगम के किसी कर्मचारियों पर कार्यवाही नही किया जाना एक सोची समझी साजिश के तहत लक्ष्य से अधिक विरलन किया गया है.

खोखले वृक्षों की संख्या में गड़बडझाला
परिणामतः उसी डिप्टी लोकेश साहू एवं अन्य कर्मियों को रवान परिक्षेत्र मे वित्तीय वर्ष 2023-2024 के सागौन विरलन का दायित्व सौंप दिया गया जिसमे हाल ही कक्ष क्रमांक 117/ 118 मे बड़ी संख्या मे पातान किए जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है क्योंकि कक्ष क्रमांक 117/के विरलन कार्य मे सागौन की टॉप A/क्वालिटी की कुल संख्या 261 सहित अन्य मिश्रित प्रजाति की संख्या 295 दर्शाई गई है जिनका कुल योग 556 दर्शाया गया है वही भीतर खोखले वृक्ष की संख्या अधिक है परंतु 100 परिपक्व सागौन जो स्वास्थ्य एवं लंबाई गुणित ऊँचाई, एवं गोलाई से अधिक मानक की दिखाई दे रही है यही नही बहुत से काष्ठों मे माकिंग, एवं हैमर भी नही दिखाई दे रहा है.

इससे स्पष्ट ज्ञात हो रहा है कि इस वर्ष 2023-2024 मे भी विरलन कार्य में दाल मे कुछ काला है जबकि उससे दो गुणा अधिक सागौन एवं जलाऊ काष्ठ चट्टे की संख्या दिखाई दे रही है वही फलदार पौधे की संख्या 54 है जिसका मूल्यांकन, अनुमति किया जाना मूल वन विभाग से आवश्यक हो जाता है. बता दें कि छ्ग राज्य वन विकास निगम छ्ग शसन से लीज भूमि (किराएदारी) पर सागौन प्लांटेशान कर वनों का विदोहन कर निगम संचालित करती है इसके एवज मे वर्षिकि लाभांश राशि देती है परंतु मूल सागौन की आड़ मे प्रकृति वनों का दोहन कर एक प्रकार से वर्षों से अमानत मे खयानत करती आ रही है.

अवैध कटाई के मामलों में सजा नही

विभागीय सूत्रों के मुताबिक छ्ग राज्य वन विकास निगम मूल विभाग से किसी प्रकार की गणना मूल्यांकन,अनुमति अथवा एन ओ सी नही ली जाती है तथा मनमाने तरीका से मूल सागौन के अलावा प्राकृतिक रूप से वनों की शोभा बढाने वाले सभी मिश्रित प्रजाति के वृक्षों का विरलन कर छ्ग वन विकास निगम द्वारा आर्थिक लाभ वर्षो से उठाया जा रहा है तथा मूल वन को नष्ट किया जा रहा है. ज्ञात हुआ है कि लोकसभा चुनाव पश्चात बार नवापारा अभ्यारणय का विस्तार प्रस्तावित है जिसमे तीन ग्राम को व्यवस्थापन किया जान साथ ही वन विकास निगम को बार परियोजना मंडल से पृथक अन्यन्त्र किए जाने की चर्चा हो रही है इसका लाभ उठाते हुए निगम कर्मचारी यथा संभव रवान परिक्षेत्र से लक्ष्य से अधिक सागौन सहित अन्य काष्ठों का पातन कर पूरा लाभ उठाने का प्रयास किया जा रहा है.

इतना संवेदनशील मामला होने के बावजूद छ्ग राज्य वन विकास निगम के आला अधिकारी के सिर मे जूं तक नही रेंगी और ना ही डिप्टी रेंजर लोकेश साहू एवं अन्य संलिप्त अधिकारी पर कोई विभागीय कार्यवाही नही हुई बल्कि उसे ही बार परियोजना मंडल के रवान परिक्षेत्र मे कक्ष क्रमांक 117/118/ वित्तीय वर्ष 2023/2024 के पातन कार्य का उत्तर दायित्व सौंप दिया गया. स्वभाविक है उसके द्वारा पुनः क्षेत्र मे गड़बड़ घोटाला करने मे किसी प्रकार का गुरेज नही करेगा तथा भ्रष्टाचार का यह खेल अनवरत जारी रहेगा. हालांकि सौ घन मीटर के स्थान पर एक सौ तैतीस घन मीटर अतिरिक्त सागौन विरलन काष्ठ का वन विकास निगम ने कोडार काष्ठागार मे क्या किया यह भी लगातार सवाल उठाया जा रहा है क्योंकि गणना और लगभग 13 ट्रैक्टर परिवहन कर 133 घन मीटर क्षमता से अधिक सागौन काष्ठ उसकी भी नीलामी गत चालू वित्त वर्ष मे की गई होगी फिर उसकी अर्जित आय की राशि कहाँ गया यह विचारणीय पहलू है ?

एक अन्य मामले में आरंग परिक्षेत्र के रेंजर युवराज देवांगन द्वारा जनवरी माह 2024 मे राष्ट्रीय वृक्ष साल काटने के उद्देश्य से लोहारडीह ग्राम के एक व्यक्ति को पकड़ा जिसका बाजार मूल्य लगभग 80 हजार से एक लाख बताया गया था परंतु आरंग रेंजर युवराज देवांगन् ने मात्र दस हजार रू. फाइन लगा कर उसे छोड़ दिया गया. यही नही इस संदर्भ मे भी कोई वैधानिक कार्यवाही नही की गई.

Show More

The Bigul

हमारा आग्रह : एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं. कृपया हमारी आर्थिक मदद करें. आपका सहयोग 'द बिगुल' के लिए संजीवनी साबित होगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button