सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर तीन हजार शिक्षकों ने निकाली पदयात्रा, रायपुर रवाना
बिगुल
सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर लगभग 3 हजार महिला एवं पुरुष बीएड धारी सहायक शिक्षकों ने अम्बिकापुर के पीजी कालेज मैदान से रायपुर राजधानी के लिए 350 किलोमीटर की पैदल पदयात्रा निकाली है। पदयात्रा शनिवार को अंबिकापुर के पीजी कॉलेज ग्राउंड से दोपहर 1 बजे प्रारंभ हुई। इसके पश्चात् महामाया मंदिर में सामूहिक पूजा-अर्चना करते हुये माँ महामाया का आशीर्वाद लेकर रिंग रोड होते हुए बिलासपुर चौक से रायपुर के लिए यह पदयात्रा रवाना हो गई है।
बीएड धारी सहायक शिक्षकों ने कहा कि वह 15 महीने से प्राथमिक शालाओं में अपनी सेवा दे रहे है।हम सभी 2897 सहायक शिक्षक जो कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा बनाए गए समस्त नियमों एवं गजट में प्रकाशित सभी अर्हता को पूर्ण करते हुए बीएड का प्रशिक्षण लिए हैं,हमने सीजी व्यापम द्वारा आयोजित टेट परीक्षा एवं भर्ती परीक्षा को उत्तीर्ण कर बस्तर एवं सरगुजा संभाग के सुदूर अंचलों में अपनी सेवा दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के परिपालन में हाई कोर्ट द्वारा गत10 दिसंबर 2024 को 14 दिनों के भीतर बीएड प्रशिक्षितों को नियुक्त करने के निर्णय से हमारी नियुक्ति आधार में है। सरकार द्वारा पूर्व में दिए गए आश्वासन का परिपालन अब तक नहीं हो पाया है।हमारी नौकरी की भी स्थिति स्पष्ट नहीं है,आजीविका के प्रश्न का कोई जवाब नहीं मिलने से हम चिंतित हैं।
शिक्षकों का कहना है कि हमने तत्कालीन नियमों के तहत भर्ती परीक्षा दी तथा उत्तीर्ण हुए अतः हमें सेवा सुरक्षा प्रदान किया जाए। हमने पूर्ण जिम्मेदार एवं ऊर्जा के साथ अपने कर्तव्यों का पालन किया है,हमारी नियुक्ति छत्तीसगढ़ शासन के अधीन है ना की दल विशेष के।हमें छत्तीसगढ़ के सामान्य नगरीक की तरह विधि का समान संरक्षण मिले। हाई कोर्ट के सुनवाई के दौरान न्यायाधीश द्वारा कहा गया है कि सरकार के पास असीमित शक्तियां हैं किसी को नौकरी से निकाला जाना समस्या का समाधान नहीं है।हमें पूर्ण विश्वास है कि वर्तमान विष्णु देव सरकार अपने आश्वासन को सुशासन में बदलकर हमारे साथ न्याय करेगी।