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खास खबर : कुमारी सैलजा को भूल गए प्रदेश कांग्रेस के नेता, नही जा रहा कोई चुनाव प्रचार करने, पुनिया का बेटा भी मंझधार में पड़ा, Exclusive report

जानते चलें कि कुमारी सैलजा ने प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी के तौर पर लगभग तीन साल छत्तीसगढ़ में गुजारे थे. उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मिलकर काम किया साथ ही मंत्रिमण्डल के उस समय के मंत्रियों, विधायकों के साथ संगठन और सरकार में खासी पकड़ बना रखी थी. तत्कालीन उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव से भी सैलजा के रिश्ते अच्छे थे लेकिन इनमें से कोई भी नेता उनके चुनाव प्रचार में नही पहुंचा.

बघेल-सैलजा विपरीत ध्रुव

समझा जाता है कि कुमारी सैलजा सोनिया गांधी खेमे से हैं और उन्हीं के निर्देश पर सैलजा को छत्तीसगढ़ का प्रभारी भी बनाया गया था. जबकि भूपेश बघेल राहुल गांधी से जुड़े हैं इसलिए दोनों नेताओं के बीच कभी नही जमी. सूत्रों के मुताबिक कुमारी सैलजा की ​प्रदेश के जिन नेताओं से खासी जमती है, उनमें सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरण दास महंत हैं लेकिन उनका भी कोई अधिकृत कार्यक्रम सिरसा जाने का नही बन सका.

डहरिया-महंत से हैं उम्मीदें

इसी तरह पूर्व मंत्री शिव डहरिया से भी कुमारी सैलजा से अच्छे रिश्ते हैं लेकिन डहरिया के भी चुनाव प्रचार में जाने के कोई संकेत नही मिले हैं. सरकार जाने के कुछ महीने पहले भी उपमुख्यमंत्री नियुक्त करना, नया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाना जैसे फैसले बघेल के खिलाफ जाते हुए सैलजा ने ही किए जिसके चलते दोनों नेताओं की कभी पटरी नही बैठ सकी.
इधर सिरसा से भाजपा ने अशोक तंवर को सैलजा के खिलाफ उम्मीदवार बनाया है. तंवर सालों तक कांग्रेस के बड़े नेता रहे और अब भाजपा में हैं. खबर है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा प्रवेश कर चुके पूर्व कांग्रेस नेता चंद्रशेखर शुक्ला गुडडू भैया और भाजपा नेता आलोक पाण्डे तंवर के चुनाव प्रचार में पहुंचने वाले हैं. संतोषजनक बात यह है कि छत्तीसगढ़ के वर्तमान प्रभारी सचिन पायलट कुमारी सैलजा का चुनाव प्रचार करने हरियाणा जा सकते हैं.

बघेल रायबरेली में जमे

हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस ने रायबरेली का सीनियर आब्जर्वर नियुक्त किया है जिसके बाद बघेल वहां पर सारी उर्जा लगा रहे हैं ताकि राहुल गांधी वहां से चुनाव जीत सकें. बघेल के साथ विनोद वर्मा, राजेश तिवारी, विधायक व्यास कश्यप भी रायबरेली में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. कांग्रेस नेताओं के बीच चर्चा इस बात को लेकर भी है कि यदि भूपेश बघेल रायबरेली में हैं तो क्या वे चुनाव प्रचार करने बाराबंकी जाएंगे क्योंकि यहां से प्रदेश के पूर्व कांग्रेस प्रभारी पी एल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया चुनाव लड़ रहे हैं. वैसे पुनिया की विदाई भी छत्तीसगढ़ से बेआबरू होकर हुई थी.

रायबरेली में हुई एक चुनावी बैठक का दृश्य. जिसमें भूपेश बघेल संग विनोद वर्मा और राजेश तिवारी भी दिख रहे हैं.

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