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बड़ी खबर : 28 को बस्तर बंद, सर्व आदिवासी समाज का फैसला, नक्सली-पुलिस दोनों आदिवासियों को मार रहे, आदिवासी संगठन के 58 सदस्‍यीय दल ने की जांच

वहीं कांग्रेस भी इस मामले को लेकर छत्‍तीसगढ़ सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही है। इसी मामले में अब सर्व आदिवासी समाज ने बैठक आयोजित की। बैठक के दौरान पीड़िया में पुलिस-नक्‍सली मुठभेड़ को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान ग्रामीणों ने अपनी-अपनी राय रखी। वहीं चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि यह मुठभेड़ झूठी है। पुलिस के द्वारा नक्‍सलियों की जगह निहत्‍थे ग्रामीणों को मारा गया है। यह एनकाउंटर फर्जी है।

58 सदस्‍यीय दल ने बताई पीड़ा
सर्व आदिवासी समाज ने 58 सदस्‍यों का दल पीड़िया पुलिस-नक्‍सली मुठभेड़ मामले की जांच के लिए भेजा था। इस दल ने पीड़िया इलाके और घटनास्‍थल की जांच की। इसके साथ ही जिन परिवार के परिजनों को मार दिया गया, उन लोगों से भी चर्चा की गई। वहीं इस इलाके के पूरे गांवों के लोगों से भी चर्चा की गई। इस दौरान सामने आया कि पीड़िया में पुलिस-नक्‍सली मुठभेड़ फर्जी पुलिस के द्वारा निर्दोष लोगों को फंसाया जाता है। निर्दोष ग्रामीणों को मारा जाता है। इससे सर्व आदिवासी समाज में आक्रोश व्‍याप्‍त है।

24 मई को सीएम के नाम देंगे ज्ञापन
पीड़िया मामले को लेकर हुई सर्व आदिवासी समाज की बैठक में समाज ने पुलिस और सरकार के खिलाफ कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है। बस्‍तर इलाके में हो रही फर्जी नक्‍सली मुठभेड़ के खिलाफ आंदोलन की तैयारी भी संगठन ने कर रही है। पहले चरण में सर्व आदिवासी समाज 24 मई को मुख्‍यमंत्री के नाम कलेक्‍टर को ज्ञापन देंगे।

28 मई को बस्‍तर संभाग बंद का ऐलान

सर्व आदिवासी समाज के द्वारा भेजा गया 58 सदस्‍यों का दल पीड़िया से वापस लौटा। दल ने कहा कि मुठभेड़ में मारे गए सभी लोग निर्दोष हैं। पुलिस-नक्‍सली की फर्जी मुठभेड़ के खिलाफ 28 मई को सर्व आदिवासी समाज ने बस्‍तर संभाग बंद बुलाया है। इसको लेकर समाज ने प्रचार-प्रसार शुरू भी कर दिया है। इसके बाद भी समाधान नहीं होता है तो सर्व आदिवासी समाज अपनी मांगों और न्‍याय को लेकर 7 जून से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे। वहीं उन्‍होंने कहा कि इसके बाद यदि जरूरत पड़ी तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे।

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