मंत्रिमंडल : राज्य में दो पद और केंद्र में एक पद के लिए विधायक, सांसदों में होड़..मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें, ये नेता हैं लाइन में
बिगुल
मोदी सरकार के गठन के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है, क्योंकि राज्य की सियासत में फिलहाल इस बात की अटकलें लगना शुरू हो गई हैं.
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के गठन की तैयारियां शुरू हो चुकी है. खास बात यह है कि इधर मोदी सरकार का गठन होगा तो उधर छत्तीसगढ़ में भी साय सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. क्योंकि फिलहाल प्रदेश के सियासी गलियारों में इसी तरह की चर्चाएं चल रही हैं.
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार में 2 मंत्रियों की जगह खाली है, विष्णुदेव साय सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में एक जगह खाली छोड़ी थी, जबकि शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सांसद बन चुके हैं ऐसे में एक और पद खाली होने की पूरी संभावना है, जिससे माना जा रहा है कि विधानसभा के मानसून सत्र के पहले मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. ऐसे में मंत्री पद के दावेदार विधायक भी एक्टिव होते नजर आ रहे हैं.
मानसून सत्र से पहले हो सकता है विस्तार
माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा के मानसून सत्र से पहले भारतीय जनता पार्टी दो नए मंत्रियों की नियुक्ति कर सकती है, लोकसभा चुनाव से पहले यह चर्चा थी कि अगर परिणाम पक्ष में नहीं आते हैं तो मंत्रिमंडल में बदलाव हो सकता है. लेकिन 11 में से 10 सीटें जीतने के बाद बाद इस बात की संभावना कम मानी जा रही है. इस लिहाज से अब दो खाली पदों के लिए दावेदारों की आजमाइश शुरू हो गई है.
दावेदार विधायक भी दिख रहे तैयार
विष्णुदेव साय सरकार में एक मंत्री का पद खाली है, जबकि बृजमोहन अग्रवाल के भी मंत्री पद छोड़ने की पूरी संभावना है. खास बात यह है कि बृजमोहन रायपुर से आते हैं और इस जिले की सभी सीटें भाजपा के पास है, ऐसे में अगर रायपुर से मंत्री बनाने पर जोर दिया जाता है तो पहला नाम राजेश मूणत का है. राजेश मूणत के जरिए पार्टी व्यापारी समाज और अल्पसंख्यक समाज दोनों को साधने पर जोर देगी, इसके अलावा व्यापारी समाज से ही आने वाले अमर अग्रवाल को भी मौका दिया जा सकता है. इसके अलावा एक मंत्री सामान्य वर्ग से बनाया जा सकता है, इस रेस में रायपुर से पुरंदर मिश्रा हैं. मिश्रा उड़िया समाज से आते हैं साथ ही उड़ीसा चुनाव में भाजपा को जीतने में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई है। राज्यपाल और राष्ट्रपति तक उनकी पहुंच है.
इसके अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मंत्री धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, पुन्नूलाल मोहले या फिर कृष्णमूर्ति बांधी का भी नाम चल रहा है. वहीं किसी महिला विधायक को भी मंत्री बनाया जा सकता है. ऐसे में गोमती साय भी मंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं.
राजनीतिक जानकारों का भी मानना है कि बीजेपी बहुत सारे स्मीकरणों को साधते हुए इस बार पर निर्णय करेगी. फिलहाल दिल्ली में सरकार बनने का इंतजार किया जा रहा है. इसके बाद ही छत्तीसगढ़ में एक्शन शुरू होने की उम्मीद है.
‘पार्टी तय करेगी मेरी जिम्मेदारी’
वहीं इस बीच रायपुर से सांसद चुने गए मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी अहम संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि मेरी जिम्मेदारी पार्टी हाईकमान तय करता है, जो जिम्मेदारी देगी मंजूर होगा.’ उन्होंने अपनी जीत के लिए सभी का आभार जताया है. माना जा रहा है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में बृजमोहन अग्रवाल को अहम जिम्मेदारी मिल सकती है. बृजमोहन के अलावा सांसद संतोष पांडे, सांसद विजय बघेल का भी नाम चर्चा में है।