छत्तीसघाटभारतराजनीति

चूहे क्यों मचाते हैं उत्पात, जानिए क्या है इसके पीछे का राज…

Why do rats create havoc, know what is the secret behind it…

चूहा घरों में काफी उत्पात मचाता है. घर में एक भी चूहा आ जाए तो लोगों का जीना मुश्किल कर देता है. महत्वपूर्ण कागजात हों या कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक आइटम से लेकर आपकी कार तक को चूहे नहीं छोड़ते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चूहे इतना उपद्रवी क्यों होते हैं. अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं इसके पीछे की पौराणिक कथा क्या है.

पौराणिक कथा के अनुसार, इंद्र के दरबार में एक क्रौंच नामक गंधर्व था. एक बार इंद्र ने सभी ऋषि-मुनियों को दरबार में आमंत्रित किया. इस दौरान क्रौंच गंधर्व हंसी-ठिठोली में व्यस्त था. इससे इंद्र की सभा में बाधा पहुंच रही थी. इस दौरान क्रौंच ने वहां उपस्थित मुनि वामदेव पर अपना पांव रख दिया. इस पर अपनी गलती मानने के बजाय वह गंधर्व हंसी-ठिठोली में ही व्यस्त रहा. इससे मुनि वामदेव का गुस्सा आ गया, उन्होंने उस गंधर्व को चूहा बनने का श्राप दे दिया. चूहे के रूप में वह ऋषि पराशर के आश्रम में जा गिरा. वहां पहुंचते ही उसने उत्पात मचाना शुरू कर दिया. वह वहां रखे सारे बर्तन तोड़ने लगा. ऋषि के शास्त्र, वस्त्र सभी को कुतर डाला. सारा अनाज खा लिया. उनकी वाटिका को भी तहस-नहस कर डाला.

भगवान गणेश से मांगी मदद
चूहे के उत्पात से परेशान होकर ऋषि पराशर ने भगवान गणेश को अपनी सारी व्यथा सुनाई और उनसे मदद की गुहार लगाई. भगवान गणेश ने चूहे को पकड़ने के लिए पाश फेंका. पाश को देखकर चूहा पाताल भाग गया. इस पर पाश भी उसके पीछे-पीछे गया और पाताल में जाकर पाश ने चूहे को पकड़ लिया.

प्राणों की मांगने लगा भीख
पाश में बंधकर जब वह भगवान गणेश के सामने आया तो अपने प्राणों की भीख मांगने लगा. इस पर भगवान गणेश ने उस पर दया दिखाई और उसे पाश से मुक्त कर दिया.पाश से मुक्त करने के बाद उन्होंने चूहे से पूछा कि इस उत्पात का क्या कारण था. इस पर चूहे ने क्रोध में भगवान गणेश को कोई भी जवाब नहीं दिया. भगवान गणेश ने चूहे से कहा कि तुम ऋषि पराशर को परेशान करना बंद कर दो, इसके बदले में तुम मुझसे कोई वरदान मांग सकते हो.

सांतवें आसमान पर चढ़ गया चूहे का अभिमान
भगवान गणेश के वचन सुनकर चूहा अभिमान पूर्वक बोला ‘मुझे आपसे कोई भी वरदान नहीं चाहिए. बल्कि अगर आप चाहें तो मुझसे किसी वर की याचना कर सकते हैं.’ चूहे के अभिमान भरे स्वरों को सुनकर भगवान गणेश मुस्कुराए और बोले कि आप मेरे वाहन बन जाइए. इस पर चूहा उनका वाहन बन गया.

नहीं सह पाया भार
भगवान गणेश के वजन को चूहा सहन नहीं कर पाया और एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया. इस पर चूहे का अभिमान चूर-चूर हो गया और वो भगवान गणेश से बोला कि मैं आपके वजन से दबा जा रहा हूं. कृपया मुझे क्षमा कर दें. भगवान गणेश ने चूहे को क्षमा कर अपना भार कम कर दिया. इस प्रकार चूहा उनकी सवारी बन गया. चूहों के राजा मूषक राज स्वयं उपद्रवी थे, इस कारण चूहे आज भी उपद्रव मचाते हैं.

Show More

The Bigul

हमारा आग्रह : एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं. कृपया हमारी आर्थिक मदद करें. आपका सहयोग 'द बिगुल' के लिए संजीवनी साबित होगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button