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झाड़ियों में जिंदगी की चीख: नौ महीने कोख में पाला, पैदा होते ही फेंक दिया; रोने की आवाज से पसीजा लोगों का दिल

बिगुल
मां की ममता को झकझोर देने वाली एक दिल दहला देने वाली घटना ने जगदलपुर को भावुक कर दिया। एक मां ने मेडिकल कॉलेज डिमरापाल के पास स्थित माता रुक्मिणी आश्रम के पीछे झाड़ियों में एक नवजात बच्ची को फेंक दिया गया था। रोने की मासूम आवाज सुनकर ग्रामीणों के कदम रुक गए और उसी आवाज ने एक नन्हीं जान को मौत के मुंह से खींच निकाला।

जानकारी के अनुसार, मंगलवार की सुबह कुछ ग्रामीण मवेशी चराने के लिए आश्रम के पीछे जंगल की ओर गए थे। तभी उन्हें झाड़ियों के बीच से किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। ग्रामीण जब पास पहुंचे तो उन्होंने एक नवजात बच्ची को देखा। ग्रामीणों ने तुरंत उसे उठाकर कपड़े में लपेटा और पुलिस को सूचना दी।

मौके पर पहुंची पुलिस ने तुरंत बच्ची को मेकाज अस्पताल (मेडिकल कॉलेज जगदलपुर) में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची का वजन लगभग 600 ग्राम है। फिलहाल डॉक्टरों की टीम उसकी देखभाल में जुटी हुई है। पुलिस ने बताया कि बच्ची को झाड़ियों में छोड़ने वाली मां या परिजनों की तलाश शुरू कर दी गई है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और आसपास के इलाकों में पूछताछ की जा रही है।

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