खुलासा : इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड वाहनों पर शासन की छूट महज छलावा, रकम हासिल करने परिवहन विभाग का चक्कर लगा रहे लोग
बिगुल
महासमुंद. ईधन की बचत और प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ईवी ( इलेक्ट्रिक) वाहन व स्मार्ट हाईब्रिड, हाईब्रिड वाहनों पर छूट देती है. कीमत में कमी से बहुत से लोगों के बजट में यह गाड़ियां आ जा रही हैं, लेकिन गाड़ी खरीदने के महीनों बाद भी इस रकम के नहीं मिलने से लोग परिवहन विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.
ईवी वाहन के पंजीयन पर शासन की ओर से 10 प्रतिशत और स्मार्ट हाईब्रिड, हाईब्रिड वाहनों के पंजीयन पर 5 प्रतिशत की छूट देती है. महासमुंद जिले में अक्टूबर 2022 में से लेकर आज तक 183 ईवी वाहन और 54 स्मार्ट हाइब्रिड व हाईब्रिड वाहन जिला परिवहन कार्यालय से पंजीकृत हुए हैं, लेकिन इन खरीदारों में से 75 प्रतिशत लोगों को आज तक सब्सिडी का लाभ नहीं मिला है.
श्रेयांश जैन ने एक साल पहले ईवी स्कूटी ली थी. शासन की योजना के तहत इन्हें 10 प्रतिशत के हिसाब से 13,302 रुपए की सब्सिडी मिलनी थी, जो आज तक नहीं मिली. इसी प्रकार तन्मय लुनिया ने सात माह पहले स्मार्ट हाईब्रिड कार लिया था, इन्हें 5 प्रतिशत के हिसाब से 49 हजार रुपए की सब्सिडी मिलनी थी, जो आज तक नहीं मिली. नियमानुसार तीन से चार माह में इन्हें सब्सिडी मिल जानी थी.
पीड़ित पक्ष जहां परिवहन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं, वहीं जिला परिवहन विभाग के आला अधिकारी का कहना है कि यहां से सभी क्लेम बनाकर मुख्यालय भेज दिया जाता है, वहीं से हितग्राहियों के खाते में सब्सिडी आती है. बहरहाल, अब देखना होगा कि बिना सब्सिडी के शासन- प्रशासन ईवी वाहनों को कैसे प्रमोट करती है.
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