Blog

बड़ी खबर: आइएएस रानू साहू समेत 10 लोगों पर डीएमएफ मामले में नामजद रिपोर्ट दर्ज, जानिए पूरा प्रकरण

डीएमएफ मामले में ईडी ने सभी के खिलाफ एसीबी ईओडब्ल्यू में धारा, 420,120ठ, 7,12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराया है. डीएमएफ में टेंडर के दौरान 40ः कमीशन का आरोप है.

क्या है डी.एम.एफ. प्रकरण ?

प्रवर्तन निदेशालय के रिपोर्ट पर यह पाया गया कि डी.एम.एफ. कोरबा के फंड से विभिन्न निविदाओं के आंबटन में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की गई है. वहीं गलत ढंग से निविदाओं को निर्धारण कर निविदाकर्ताओं को अवैध लाभ पहुंचाया गया है. जिसके कारण शासन को आर्थिक हानि हुई है.

प्रतिवेदन में यह भी पाया गया कि कुल निविदा राशि में लगभग 40 प्रतिशत की राशि लोकसेवक अधिकारियों को इस एवज में दिया गया और निजी कम्पनी के द्वारा निविदाओं पर 15 से 20 प्रतिशत अलग-अलग दरों से कमीशन प्राप्त किया गया है. छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में डी.एम.एफ. में काफी बड़ी मात्रा में वित्तीय अनियमितता की गई है.

प्रथम दृष्टया यह पाया गया है कि रानू साहू और अन्य लोकसेवकों के द्वारा लोकसेवक के रूप में पदस्थ होते हुए अपने-अपने पद का दुरूपयोग कर विभिन्न निविदाकर्ता संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी और बिचौलिएं मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर के साथ मिलकर डी.एम.एफ. में विभिन्न प्रकार की निविदाओं के आबंटन में, बिल को पास कराने के लिए, किसी वस्तु के वास्तविक मूल्य से अधिक मूल्य के बिल प्राप्त किये गये थे. साथ ही उनका भुगतान कराने में आपस में मिलकर आपराधिक षड़यंत्र कर निविदाकर्ताओं संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल शेखर को अवैध लाभ कारित करते हुए शासन को अवैध हानि कारित की गई..

Show More

The Bigul

हमारा आग्रह : एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं. कृपया हमारी आर्थिक मदद करें. आपका सहयोग 'द बिगुल' के लिए संजीवनी साबित होगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button