प्लांट लिफ्ट हादसा: 4 मजदूरों की मौत के बाद कंपनी के 7 लोगों पर FIR, 12 साल से नहीं हुआ था मेंटेनेंस

बिगुल
सक्ति जिले के डभरा (Dabhra) में आरकेएम पावर प्लांट (RKM Power Plant) में हुई दर्दनाक दुर्घटना ने प्रबंधन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। 7 अक्टूबर की रात करीब 8 बजे लिफ्ट गिरने से 4 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 6 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
मजदूरों के अनुसार, यह हादसा अचानक नहीं हुआ बल्कि लगातार की जा रही अनदेखी का नतीजा था। उन्होंने बताया कि प्लांट की लिफ्ट की लगभग 12 सालों से सर्विसिंग (Servicing) नहीं हुई थी। सेफ्टी बेल्ट (Safety Belt), वायर और अन्य उपकरण जर्जर हालत में थे, जिसकी शिकायत कई बार दी गई, लेकिन प्रबंधन ने कभी ध्यान नहीं दिया।
हादसे के बाद प्रबंधन की चुप्पी पर उठे सवाल
घटना के बाद प्लांट प्रबंधन ने तुरंत गेट बंद कर मीडिया को अंदर जाने से रोक दिया
घटना के बाद प्लांट प्रबंधन ने तुरंत गेट बंद कर मीडिया को अंदर जाने से रोक दिया, जिससे शक और गहरा गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्लांट में सुरक्षा नियमों की अनदेखी (Safety Violations) आम बात है। छोटे-मोटे हादसे पहले भी हुए हैं, लेकिन उन्हें पैसे और दबाव के जरिए दबा दिया जाता था।
FIR में शामिल सात अधिकारी और प्रबंधक
कंपनी के 7 अधिकारियों पर केस दर्ज
पुलिस महानिरीक्षक (Inspector General) संजीव शुक्ला और पुलिस अधीक्षक (Superintendent of Police) अंकिता शर्मा के निर्देश पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है। आरकेएम पावर जेनरेशन कंपनी (RKM Power Generation Company) के 7 अधिकारियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 106(1), 289 और 3(5) के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
आरोपियों के नाम-
डॉ. अंडल अरमुगम (Director)
टी.एम. सिंगरवेल (Director)
सम्मुख राव (Factory Manager)
कमलेश अग्रवाल (Boiler & Turbine Maintenance Head)
नोज राउत (Safety Officer)
वेसलीमणि (P & M Maintenance Officer)
कृष्णा गौरव (Lift Engineer)
मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, 30 दिन में रिपोर्ट
हादसे की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 176(1) के तहत मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। डभरा के एसडीएम (SDM) को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि हादसे के समय कौन-कौन मजदूर काम पर थे, लिफ्ट गिरने की तकनीकी या मानवीय वजह क्या थी और इसके लिए सीधे तौर पर कौन जिम्मेदार है
साथ ही यह भी जांची जाएगी कि औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग ने उत्पादन शुरू होने के बाद से कितनी बार निरीक्षण किया और उन निरीक्षणों में क्या खामियां मिलीं। जांच अधिकारी को 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपनी होगी। फिलहाल मृत मजदूरों के परिवार मुआवजे और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, जबकि पावर प्लांट प्रबंधन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।