लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली है. उनके साथ नई सरकार के मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण कर ली है. अब देश में 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. 8वां वेतन आयोग जनवरी, 2026 से लागू होने की संभावना है. केंद्र सरकार हर 10 साल में नया वेतन आयोग लागू करती है. जनवरी, 2016 में 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था. ऐसे में नई सरकार अगले वेतन आयोग की तैयारियां जल्द ही शुरू कर सकती है.
8वां वेतन आयोग कब लागू होगा
केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारी और पेंशनधारियों को 8वें वेतन आयोग के गठन का बेसब्री से इंतजार है. यह आयोग सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में इजाफे के संबंध में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगा. 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी, 2026 से लागू हो सकती हैं. भारत में पहला वेतन आयोग जनवरी, 1946 में स्थापित किया गया था।
नई सरकार जल्द ले सकती है फैसला
हालांकि, 8वें वेतन आयोग के गठन और कार्यान्वयन के संबंध में सरकार ने अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है. पिछले दिसंबर में सरकार ने कहा था कि 8वें वेतन आयोग की स्थापना को लेकर फिलहाल कोई योजना नहीं है. अब राष्ट्रीय चुनाव समाप्त हो चुका है. ऐसे में प्रबल संभावना जताई जा रही है कि सरकार आयोग के गठन की दिशा में निर्णायक कदम उठा सकती है.
सैलरी में कितनी बढ़ोतरी की उम्मीद
8वें वेतन आयोग के गठन से लगभग 49 लाख सरकारी कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा. उम्मीद है कि 8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर में इजाफे के साथ ही उनकी सैलरी को भी बढ़ाया जाएगा. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर 3.68 गुना पर सेट होने की संभावना है. सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये होने के साथ, फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी से उनका मूल वेतन 8,000 रुपये बढ़कर 26,000 रुपये हो जाएगा. फिटमेंट फैक्टर एक प्रमुख फॉर्मूला है, जो 8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी और पे मैट्रिक्स को निकालने में मदद करता है.
7वें वेतन आयोग से 14 फीसदी बढ़ी थी सैलरी
7वें वेतन आयोग में 2.57 गुना फिटमेंट फैक्टर पेश किया गया था. इसके चलते कर्मचारियों की सैलरी लगभग 14.29 फीसदी बढ़ी थी. साथ ही मिनिमम सैलरी भी 18 हजार रुपये कर दी गई थी. 8वें वेतन आयोग के जरिए न सिर्फ सैलरी से जुड़ी असमानताएं दूर होंगी बल्कि महंगाई का प्रभाव भी कम होने की उम्मीद है. इससे रिटायरमेंट के दौरान होने वाले लाभ भी बढ़ जाएंगे.