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मामा की पाठशाला के माध्यम से विद्यार्थियों के प्रश्नों के दिए उत्तर…..

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी एक नया इतिहास रच सकता है। अपना लक्ष्य तय कर संकल्प शक्ति के साथ कार्य करने से सफलता जरूर मिलती है। दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है, जो हम नहीं कर सकते हैं। अपने देश और समाज के लिए कार्य करने में ही जीवन की सार्थकता है। जीवन कुछ कर गुजरने के लिए है। इसलिए दूसरों की भलाई के लिए कार्य करते रहना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज रविन्द्र भवन में एक टीवी न्यूज चेनल द्वारा मेधावी छात्र-छात्राओं के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मामा की पाठशाला के माध्यम से विद्यार्थियों से संवाद भी किया। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग और चेनल के चेयरमेन श्री सुरेश गोयल, अन्य पदाधिकारी और प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से एक छात्रा द्वारा पूछा गया कि आपकी सफलता का मंत्र क्या ? इस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उत्तर दिया कि लक्ष्य तय कर योजनाबद्ध तरीके से ज़िद और जुनून के साथ कार्य करने से सफलता मिलती है। सफलता के लिए अनुशासन, अच्छा स्वास्थ्य और ध्यान भी जरूरी है। अहंकार को त्याग कर धैर्य और उत्साह से कार्य करें तो कोई भी काम असंभव नहीं है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के कथन “तुम केवल साढ़े तीन हाथ के हाड़-मास के पुतले नहीं हो, अनंत शक्तियों का भण्डार हो”को याद दिलाते हुए कार्य करने की समझाइश दी।

एक छात्रा द्वारा पूछा गया कि आप बेरोजगारी भत्ता क्यों नहीं देते हैं? इस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता केवल प्रलोभन है। चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं देती है, पंख देती है, ताकि वह ऊंची उड़ान भर सकें। इसलिए हमने मुख्यमंत्री सीखो और कमाओ योजना बनाई है। इसे हम 15 अगस्त के बाद शुरू करने जा रहे हैं। योजना में काम सीखने के दौरान स्टाइपेंड देने की भी व्यवस्था की गई है।

एक छात्रा ने अपना सवाल पूछते हुए कहा कि मामा जी आपके द्वारा बहुत सी योजनाएँ भांजे- भांजियों के हित में चलाई गई हैं। आगे हमारे लिए क्या करेंगे? मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बच्चों में क्षमता है तो पैसा उनकी प्रगति में बाधा बनकर नहीं आए इस लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना बनाई गई है। योजना के तहत प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की मेडिकल, इंजीनियरिंग, आईआईटी, कानून की पढ़ाई सहित उच्चशिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा उनकी फीस भरी जा रही है। उन्होंने कहा कि भाषा का विद्वता से कोई संबंध नहीं होता है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहां मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में कराई जा रही है। बच्चों की शिक्षा में कोई बाधा नहीं आए इस लिए अपने स्कूल की 12वीं कक्षा में अव्वल आने वाले छात्रों को स्कूटर और छात्राओं को स्कूटी देने की योजना बनाई गई है। प्रदेश में भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में ग्लोबल स्किल पार्क प्रारंभ कराए जाएंगे, ताकि विद्यार्थी कौशल प्रशिक्षण लेकर स्वरोजगार से भी जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विद्यार्थियों के द्वारा किए जाने वाले नवाचारों के लिए 100 करोड़ रुपये के फंड की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को 550 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाए जाने के लिए भरपूर कोशिश की जा रही है। मध्यप्रदेश ज्ञान का केंद्र बने इसके लिए कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एक छात्र द्वारा अग्नि वीर योजना के संबंध पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा कि अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने के साथ ही कई कदम उठाए जाएँगे।

एक छात्रा ने पूछा कि मामा जी आपको भांजे-भांजियों से इतना लगाव और प्यार क्यों है? मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बच्चे भगवान के रूप होते हैं। उन्हें आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। बेटा-बेटियों के भेदभाव को समाप्त करने के लिए भी हमारा प्रयास निरंतर बना रहेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एक छात्रा के प्रश्न में सामाधान में श्रमिकों के हित में बचपन में उनके द्वारा किए गए एक आंदोलन के संबंध में भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहाकि प्रदेश की प्रगति, विकास और जन कल्याण के लिए उनके द्वारा निरंतर कदम उठाए जाते रहेंगे।

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