विधानसभा : मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भावना बोहरा के सवालों में उलझ गईं, एक ही सवाल तीन बार, फिर भी नही दे सकी संतोषजनक जवाब, रमन सिंह ने बचाया जैसे-तैसे, जानिए पूरी खबर
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बिगुल
रायपुर. विधानसभा के बजट सत्र का आज समापन हो गया. इस बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने एक—दूसरे पर सवाल-जवाब, टीका टिप्पणी की जमकर बौछार की. कई ऐसे दृश्य भी नजर आए जब सरकार के मंत्री अपने ही विधायकों को संतुष्ट नही कर सके, उनकी बेचारगी साफ नजर आई.
ऐसा ही एक दृश्य कल दिखाई पड़ा जब विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह प्रश्नकाल में सदन का संचालन कर रहे थे तभी उन्होंने भाजपा की तेजतर्रार विधायक भावना बोहरा को सवाल करने के लिए पुकारा. भावना ने मंत्री से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की शैक्षणिक योग्यता और कुछ विभागीय मामलों से जुड़े सवाल उठाए तो महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े इसका जवाब देने के लिए खड़ी हुईं. सुश्री बोहरा ने सवाल दागा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हेतु शिक्षा आर्हता का मापदण्ड क्या तय किया गया है, इस पर रजवाड़े पहली बार तो सुन नही सकी तो रमनसिंह ने दुबारा सवाल करने का आग्रह किया.
एक सवाल को तीन बार दोहराया
पंडरिया विधायक भावना ने दुबारा सवाल दोहराया तो लक्ष्मी रजवाड़े जवाब देने को खड़ी हुईं लेकिन उन्होंने प्रतिप्रश्न में कहा कि क्या परियोजना को समझाने के लिए.. इस पर बोहरा ने मुस्कुराते हुए तीसरी बार वही सवाल किया तो लक्ष्मी रजवाड़े ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए बारहवीं या दसवीं क्लास उत्तीर्ण होना जरूरी है. इसके बाद भावना ने अपना दूसरा सवाल किया कि आंगनबाड़ी में बच्चों की संख्या कम हो रही है तो क्या उच्च अधिकारी इसके बारे में कुछ कदम उठा रहे हैं, इस पर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि विधायक का कहना जायज है. 3 से 6 साल तक के बच्चों को पढ़ाया जाता है. इसके बाद वे चुप हो गईं यानि जवाब पूरा नही आ सका.
जब मंत्री अफसर पर आश्रित हुईं
पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने अपना तीसरा सवाल किया कि अच्छा, ये बता दें कि पिछली बार जो रिपोर्ट आंगनबाड़ी केन्द्र की आई थी, वह पिछली बार कब ली गई थी. इस सवाल से भी मंत्री निरूत्तर हो गईं. उन्होंने पास ही में बैठे अफसर की तरफ देखा और पूछा कि क्या आपको जानकारी है, इसके बाद मंत्रीजी बोली कि एक मिनट..आपको बताती हूं. रजवाड़े ने फिर से कहा कि सवाल क्या है आपका तो भावना को इसे विस्तार से समझाना पडा.
हालांकि मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े ने इसका संतोषजनक जवाब दे दिया. उन्होंने कहा कि हम प्रतिदिन रिपोर्ट लेते रहते हैं. इस पर भावना ने मुस्कुराकर सिर हिला दिया. श्रीमती बोहरा ने फिर से सवाल दागा कि रेडी टू ईट का काम जिस समूह को दिया जायेगा, उनकी प्राथमिकता क्या होगी. इस पर लक्ष्मी रजवाड़े भ्रमित होकर जवाब देने लगीं. उन्होंने कहा कि मैं आपसे मिलकर बाद में बता दूंगी.
15 दिन बाद भी नही आया जवाब
इस पर भावना ने आश्चर्य जताते हुए आसंदी की ओर मुखातिब हुईं और कहा कि अध्यक्ष महोदय, यही सवाल 15 दिन पहले भी किया गया था और तब भी मंत्रीजी ने जवाब नही दिया था. अब 15 दिन बाद भी इसका जवाब नही आ सका. इस पर मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े ने कहा कि अभी सत्र चल रहा है. इस पर बैठकर जल्द ही कोई निर्णय लेंगे.
विधानसभा अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह परिस्थिति को भांप गए थे इसलिए उन्होंने माहौल को संभाला और कहा कि भावना बोहरा हो गया. आपने काफी सवाल पूछ लिए. अगले सत्र में इसका जवाब आ जायेगा. इसके बाद भावना भी मुस्कुराकर अपनी सीट पर बैठ गईं.
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इस दृश्य से यही निष्कर्श निकला कि विधायक भावना बोहरा तो काफी तैयारी से आई थीं लेकिन मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े की तैयारी या इनपुट कुछ खास नही थे. शायद अफसर उन्हें पूरी जानकारी नही दे सके या समझा नही सके होंगे. चूंकि राजवाड़े पहली बार विधायक बनी हैं इसलिए उन्हें अभी काफी कुछ सीखने समझने की जरूरत है.