बलौदाबाजार हिंसा : कांग्रेस विधायकों की भूमिका पर कई सवाल, भीम रेजिमेंट की पोस्ट जांच के घेरे मे, पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हुए

बिगुल
रायपुर. बलौदाबाजार में विगत 10 जून के हुई हिंसा को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे होने शुरू हो गए हैं। बताते हैं सतनामी समाज के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान कुछ उपद्रवी पेट्रोल बम लेकर आए थे। जिन्होंने हिंसा और आगजनी की। इस मामले में पुलिस की इंटेलीजेंस पूरी तरह फेल रही और उपद्रवी अपना काम कर गए।
हिंसा को लेकर भीम रेजिमेंट की भूमिका सवालों के घेरे में आ चुकी है। बताते हैं भीम रेजिमेंट ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज चलवाए थे। अब पुलिस कई एंगल से जांच में जुट गई है। मंगलवार की सुबह फॉरेंसिक टीम को जांच में घटनास्थल के आसपास पेट्रोल बम मिले हैं। फॉरेंसिक टीम को बोतलों में भरे पेट्रोल के अलावा कुछ लिक्विड भी मिले हैं।
पांच एफआईआर, 75 आरोपी गिरफ्तार, 200 हिरासत में
बलौदाबाजार हिंसा में पुलिस ने मंगलवार को सात अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। मामले में अब तक 73 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 200 लोगों को हिरासत में लिया है। उपद्रवियों की तलाश के लिए पुलिस की 12 टीमें बनाई हैं। सीसीटीवी फुटेज के जरिए टीमों को अलग-अलग जिलों में भेजा गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बलौदाबाजार की घटना से काफी नाराज हैं। मंगलवार को मीटिंग में सीएम ने अफसरों से कहा, इतनी बड़ी घटना हो गई आप लोगों तक जानकारी कैसे नहीं पहुंची? क्यों बैकअप नहीं रखा गया?
आंदोलन में कांग्रेस नेताओं का नाम भी सामने आया
सरकार की ओर से गृहमंत्री विजय शर्मा ने दावा किया है कि 6 जून को समाज के लोगों के साथ बैठक हो चुकी थी। उनकी मांग मान ली गई थी। समाज ने कह दिया था हम कोई आंदोलन नहीं करेंगे। भीम रेजिमेंट नाम का संगठन बलौदाबाजार में 10 जून को भीड़ जुटाने के लिए युवाओं को उकसा रहा था। आंदोलन में कांग्रेस के कुछ नेता भी शामिल थे। कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव, पूर्व विधायक रूद्र गुरू, विधायक कविता लहरे और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय की भूमिका संदेह के दायरे में है. आरोप है कि इन नेताओं ने ही भीड़ को भड़काया.
भीम रेजिमेंट के नाम से सोशल मीडिया पर हुई ये पोस्ट
खुद को भीम रेजिमेंट का प्रमुख बताने वाले दिनेश चतुर्वेदी नाम के युवक ने अपने फेसबुक अकाउंट पर कई ऐसे वीडियो पोस्ट किए हैं। जिसमें वह 10 जून को लोगों से बलौदाबाजार पहुंचने की अपील कर रहा है। एक पोस्ट में चतुर्वेदी ने यह कहा है कि गृह मंत्री विजय शर्मा आंदोलन को दबाने की चाल चल रहे हैं। वह लोगों से अपील करता दिख रहा है कि इस चाल के चक्कर में ना आएं और 10 जून को बलौदाबाजार पहुंचें।



