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वेंटिलेटर पर बस्तर का स्वास्थ्य विभाग, गर्भवती को खाट में 4KM तक ले जाकर पहुंचाया अस्पताल

बिगुल
बस्तर जिले के अंदरूनी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा वेंटिलेटर पर है, तमाम कोशिशों के बाद भी पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले गरीब आदिवासियों को स्वास्थ्य सुविधा सही समय पर नहीं मिल पाती हैं। इसका जीता जागता उदाहरण रविवार की रात को देखने को मिला, जहां छत्तीसगढ़ व ओडिशा की सीमा में बसे चितालगुर पंचायत में रहने वाली एक गर्भवती महिला का मिसकैरेज होने पर उसे एम्बुलेंस से लेकर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के कारण परिजनों को महिला को खाट में ही 4 किलोमीटर ले जाना पड़ा, जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

बता दें कि जगदलपुर व ओडिशा सीमा से लगे चितालगुर पंचायत के आश्रित ग्राम गुड़ियापदर में रहने वाली एक गर्भवती महिला का मिसकैरेज होने के बाद परिजनों ने महिला की हालत को देखते हुए रात के अंधेरे में साढ़े 4 किलोमीटर तक खाट में ढोकर अस्पताल ले जाया गया, महिला को इस तरह से खाट में ले जाता देख कुछ ग्रामीणों ने इसका वीडियो बनाया और उसे वायरल कर दिया गया, परिजनों ने महिला को ले जाने के लिए एम्बुलेंस का इंतजार किया, मगर सही समय पर कुछ भी आपात स्थिति में नहीं मिलने के कारण परिजनों ने महिला को नदी-नाले और जंगल पार कर चितालगुर पहुंचे, यहां से एंबुलेंस के जरिए पीड़िता को मेडिकल कॉलेज में लाकर भर्ती करवाया गया।

इस गांव को एफआरए का दर्जा मिला हुआ है, यहां तक पहुंचने के लिए पेंगारास ग्राम से कच्चे रास्ते से होकर आना पड़ता है, इस गांव मे आजतक आंगनबाड़ी, सड़क, बिजली तक नहीं है, जबकि इस गांव में क्रेडा विभाग की ओर से सोलर प्लेट्स लगाई गई हैं। स्वास्थ्य विभाग का अमला ग्राम चितालगुर तक ही आता है। इस गांव की गर्भवती महिलाओं को वहां तक पैदल जाना पड़ता है।

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