बड़ी खबर : मंत्रिमंडल पुनर्गठन नगर निगम चुनाव के बाद ? प्रदेश कार्यसमिति में बड़े नेताओं के बीच बनी सहमति, विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भरा जायेगा, जानिए कौन हैं दौड़ में

बिगुल
विष्णु देव साय मंत्रिमंडल का पुनर्गठन फिलहाल कुछ माह के लिए टाल दिया गया है। संभवतः नगर निगम चुनाव के बाद इसका पुनर्गठन किया जायेगा। बड़े नेताओं के बीच ऐसी सहमति बन चुकी है। एक वरिष्ठ महिला नेत्री और पूर्व मंत्री ने इस संवाददाता से इसकी पुष्टि भी की।
राजधानी में कल संपन्न हुई प्रदेश कार्यसमिति बैठक काफी सफल रही। प्रदेशभर से 1800 से ज्यादा कार्यकर्ता जुटे। प्रदेश भाजपा महामंत्री संजय श्रीवास्तव और रामू रोहरा ने कमान संभाली जबकि रायपुर जिलाध्यक्ष जयंती पटेल की टीम ने सम्मेलन को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई।
सम्मेलन में पहुंचे बड़े दिग्गज नेताओं के बीच हुई चर्चा के उपरांत यह निष्कर्ष निकलकर आया है कि नगर निगम चुनाव आ रहे हैं और इसके संपन्न होने के बाद ही मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया जाएगा जिसमें दो नए मंत्री शामिल किये जाने हैं। हांलांकि यह अंतिम फैसला नहीं है, सिर्फ राय उभरकर सामने आई है।
सूत्रों के मुताबिक कल सम्पन्न हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में सीनियर नेताओं के बीच मंत्रिमंडल पुनर्गठन को लेकर अनौपचारिक चर्चा उठी तो एक नेता ने इसे नगर निगम चुनाव के बाद करने का सुझाव दिया जिस पर किसी भी नेता ने आपत्ति नहीं जताई, एक दो ने इसका समर्थन भी कर दिया हालांकि अंतिम फैसला तो पार्टी और मुख्यमंत्री ही मिलकर करेंगे।
उधर विपक्ष ने मंत्रिमंडल पुनर्गठन जल्द करने की मांग की है। जगन्नाथ यात्रा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मिले तो मंत्रिमंडल पुनर्गठन को लेकर टिप्पणियां भी हुई। श्री बघेल ने पूछ लिया कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन कब कर रहे हैं, इस पर साय ने मुस्कुराते हुए मुस्कुराते हुए कहा कि विधानसभा सत्र के पहले कर लेंगे। इसके बाद श्री बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए इस बातचीत का खुलासा किया,
हांलांकि मुख्यमंत्री की ओर से अभी भी मीडिया को इंतजार करने को कहा जा रहा है इसका अर्थ यह है कि मुख्यमंत्री और हाईकमान अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। विधानसभा चुनाव के पहले मंत्रिमंडल पुनर्गठन हो सकता है।
श्री बघेल ने एक वाजिब सवाल उठाया कि शिक्षा सत्र प्रारंभ हो चुका है, ऐसे में शिक्षा मंत्री का होना जरुरी है इसलिए प्रदेश को शिक्षा मंत्री जल्द मिलना चाहिए। इस फैसले में नए प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन और प्रदेश महामंत्री संगठन पवन साय की भूमिका अहम मानी जा रही है।
विधानसभा उपाध्यक्ष कौन ?
दूसरी ओर विधानसभा उपाध्यक्ष का पद इसी विधानसभा सत्र में भरे जाने की संभावना है जिसके लिए कुछ वरिष्ठ विधायकों से चर्चा चल रही है। इनमें विधायक लता उसेंडी, अजय चंद्राकर और पुन्नू लाल मोहिले का नाम आगे आया है।



