ब्रेकिंग : राहुल गांधी हो सकते हैं नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस सांसदों ने एकस्वर में की मांग, पिछली बार नही मिल सका था कांग्रेस को यह दर्जा, जानिए क्यों
बिगुल
रायपुर. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हो सकते हैं. इस बात के संकेत आज कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने दिए. इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद यह संकेत सामने आए हैं. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 99 सीटें जीती हैं. पिछली बार कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नही मिल सका था क्योंकि उनकी सीटें नियमानुकूल नही थीं.
उधर, लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कल ‘इंडिया’ गठबंधन दलों की बैठक हुई. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई बैठक में सरकार गठन को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई. इस मीटिंग के खत्म होने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि इंडिया भारत की आवाज है और इस आवाज ने अपना निर्णय साफ-साफ सुना दिया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की जनता ने लोकतंत्र और संविधान की रक्षा में अपना पूरा जोर लगा दिया है और इस संकल्प को हम पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़ाएंगे.
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, राघव चड्ढा, शरद पवार, डी राजा, संजय राउत, अखिलेश यादव, चंपई सोरेन, सुप्रिया सुले और अन्य इंडिया गठबंधन के नेता शामिल हुए. दूसरी ओर कांग्रेस के कई सांसदों ने राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाने का सुझाव दिया है. राहुल के नेतृत्व में ही कांग्रेस ने चुनाव लड़ा इसलिए नेता प्रतिपक्ष पर उनका दावा बनता है. वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में राहुल को यह जिम्मेदारी लेना चाहिए क्योंकि वे नई टीम बनाकर एनडीए का मुकाबला कर सकने की क्षमता रखते हैं.
नेता प्रतिपक्ष पद पर कांग्रेस का ही एकमात्र दावा है क्योंकि उसने 99 सीटें जीती हैं. इंडिया गठबंधन के बाकी दल की सीटें बहुत कम हैं इसलिए यह पद कांग्रेस के हिस्से जाना तय है. जानते चलें कि नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए लोकसभा की कुल सीटों का 15 प्रतिशत सीटें होना चाहिए. जबकि पिछली बार कांग्रेस के पास मात्र 52 सीटें ही थीं.
ज्योत्सना महंत ने बचाई कांग्रेस की लाज
कांग्रेस ने इस बार छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश में एक ही सीट पर जीत दर्ज की है और वह है कोरबा. कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत ने बीजेपी प्रत्याशी सरोज पांडेय को पटखनी दी है. अब वे विपक्षी कांग्रेस में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करेंगी. जानते चलें कि इस बार कोरबा में नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत की साख भी दांव पर थी लेकिन महंत ने जिस तरह अचूक रणनीति बनाई, उससे उनकी धर्मपत्नी की जीत आसान होती चली गई. चूंकि कांग्रेस ने महज एक सीट जीती है इसलिए डॉ.महंत का जलवा और सम्मान अब नई दिल्ली कांग्रेस हालाकमान में और ज्यादा बढ़ जाएगा. इसके मुकाबले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनांदगांव से चुनाव हार गए है. जानते चलें कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से एक मात्र सांसद सुश्री ज्योत्सना चरणदास महंत चुनी गई हैं.