ब्रेकिंग: राहुल गांधी को नही मिल सका मंदिर में प्रवेश, राहुल गांधी बोले, शायद आज एक ही व्यक्ति जा सकता है मंदिर, See the video
बिगुल
असम से गुजर रही कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बीते दो दिनों से राजनीतिक टकराव में घिर गई है. दरअसल राहुल गांधी का सोमवार नगांव ज़िले के बटाद्रवा स्थित श्री श्री शंकर देव सत्र (मठ) मंदिर जाने का कार्यक्रम था लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उन्हें करीब 17 किलोमीटर पहले ही हैबोरगांव में रोक लिया.
असमिया समाज में प्रतिष्ठित वैष्णव संत श्रीमंत शंकर देव की जन्म स्थली बटाद्रवा सत्र मंदिर में जाने से रोकने से नाराज़ कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने कार्यकर्ताओं के साथ हैबरगांव में ही धरने पर बैठ गए. इससे पहले एक वीडियो में राहुल गांधी गाड़ी से उतर कर पुलिसकर्मियों से रोकने की वजह पूछते देखे गए.
धरने पर बैठने से पहले राहुल गांधी ने अधिकारियों की आलोचना करते हुए मीडिया के समक्ष कहा, “ऐसा लगता है जैसे आज केवल एक व्यक्ति को मंदिर में प्रवेश की अनुमति है. क्या पीएम मोदी तय करेंगे कि मंदिरों में कौन जाता है?
उन्होंने आगे कहा, 11 जनवरी को शंकरदेव के जन्मस्थान का दौरा करने का निमंत्रण मिला था, लेकिन रविवार को हमें बताया गया कि कानून-व्यवस्था के संकट की स्थिति है. कानून और व्यवस्था संकट के दौरान गौरव गोगोई और सभी लोग वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जा सकते हैं, लेकिन केवल राहुल गांधी नहीं जा सकते.
राहुल गांधी जिस जगह धरने पर बैठे है वहां उनके समर्थक रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीतारामष् भजन गाते दिख रहे थे. वहीं कांग्रेस समर्थक शंकर देव के कीर्तन भी गाते दिखे. बाद में स्थानीय सांसद और कांग्रेस नेता गौरव गोगोई मंदिर में गए और प्रार्थना की.
उन्होंने बाहर आकर बताया कि उन्हें राहुल गांधी की जगह श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जाने का अवसर मिला. गौरव गोगोई ने एक तस्वीर साझा करते हुए बताया, श्री श्री शंकर देव थान बिल्कुल खाली था. कोई भीड़ नहीं थी. झूठी अफवाह फैलाई गई कि कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है. मुख्यमंत्री ने बटाद्रवा थाना और श्री शंकरदेव की विरासत के लिए एक काला दिन लाया है.
जब से कांग्रेस ने बताया कि 22 जनवरी की सुबह राहुल गांधी बटाद्रवा श्री श्री शंकर देव सत्र जाएंगे तभी से कांग्रेस और सत्ताधारी बीजेपी में टकराव और बयानबाजी शुरू हो गई.
इस संबंध में जब मंदिर प्रशासन से बात की गई तो उन्होंने अनाधिकृत रूप से कहा कि राहुल गांधी भीड़ के साथ मंदिर आ रहे थे जबकि केवल उन्हें ही आने की अनुमति दी गई थी. ज्यादा लोगों के आने से मंदिर में अव्यवस्था फैल सकती थी.