राम नाम की गूंज : शिवरीनारायण और दण्डकारण्य हुए राममय, सीएम विष्णुदेव साय पहुंचे शिवरीनारायण, मंत्री केदार कश्यप दण्डकारण्य में भावुक हुए

बिगुल
शिवरीनारायण. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज जांजगीर-चांपा जिले के दौरे पर हैं. वे यहां शिवरीनारायण में स्थित शबरी माता मंदिर में माता शबरी के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की. इसके बाद अयोध्या में आयोजित भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखने सभा स्थल के लिए रवाना हो गए हैं. इस दौरान उनके साथ भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और महंत राम सुंदर दास भी मौजूद थे.
उन्होंने मठ में स्थापित भगवान श्री राम जानकी, श्री स्वामी बालाजी और संकट मोचन हनुमान जी सहित अन्य देवताओं की पूजा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जी प्रतिष्ठित हो रहे हैं, पूरा देश और अयोध्या राममय हो गया है। यह मेरा सौभाग्य है कि 500 साल पुराने राजधानी रायपुर स्थित दूधाधारी मठ में आने का सुअवसर प्राप्त हुआ है।
दूधाधारी मठ के प्रमुख राजेश्री महंत रामसुंदर दास ने कहा कि आज दूधाधारी मठ को अयोध्या का स्वरूप दिया गया है। अयोध्या में भगवान राम लगभग 500 साल बाद गर्भगृह में स्थापित हो रहे हैं। मंदिर परिसर में स्थापित स्वामी बालाजी एवं श्री राम जानकी को आज के विशेष अवसर पर स्वर्ण श्रृंगार से सुसज्जित किया गया है। उन्होंने बताया कि राम नवमी, कृष्ण जन्माष्टमी और विजयादशमी के विशेष अवसर पर ही साल में तीन बार दूधाधारी मठ में स्वामी बालाजी और श्रीराम जानकी को स्वर्ण श्रृंगार से सुसज्जित किया जाता है।
मंत्री केदार कश्यप हुए भावुक, कहा- प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनना जीवन के लिए सौभाग्य का क्षण
अयोध्या में श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर दंडकारण्य क्षेत्र भी राममय हो गया है. इस अवसर पर जगदलपुर में आयोजित संकीर्तन कार्यक्रम में दौरान वन मंत्री केदार कश्यप शामिल हुए. उन्होंने कहा कि ये हम सब के लिए सौभाग्य का क्षण है. हम ऐसे समय के साक्षी बन रहे हैं, जब भगवान राम के मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा हो रहा है.
मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खुशी का माहौल है. इसके लिए हमारे पूर्वजों ने लंबे समय तक संघर्ष किया. गोलियां चली, लाठियां खाईं, शहादत दी और उसके बाद आज भगवान राम का मंदिर बन गया है. ये समय हर्ष का विषय है. भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में भी हर्षाेल्लास है.
उन्होंने कहा कि पूरे बस्तर को दंडकारण्य भूमि के रूप में मानते हैं. यहां पर भगवान राम के पदचरण पड़े थे. इस कारण से बस्तर के पूरे जंगल में कांटा नहीं मिलता, क्योंकि भगवान राम के पद चरण पड़े थे. हम ये भी मानते हैं कि प्रभु राम की कल्पना में जो चित्र सामने आता है, वो राजा के रूप में नहीं, वनवासी की वेशभूषा में दिखाई देते हैं.
बता दें कि, आज अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है. इसको लेकर राम भक्तों में भारी उत्साह है. हर गली-मुहल्ले में दिवाली जैसा माहौल है और राम नाम की धुन है. वहीं राम लला के प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण देशभर में कई जगह किया जा रहा है.
