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छत्तीसगढ़ बोर्ड ने जारी की प्रायोगिक परीक्षाओं की तारीखें, एक से 20 जनवरी के बीच होंगे सभी प्रैक्टिकल

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छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (CGBSE) ने हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी परीक्षा 2026 की तैयारियों को एक कदम आगे बढ़ाते हुए नियमित विद्यार्थियों की प्रायोगिक परीक्षाओं का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। बोर्ड द्वारा जारी सूचना के अनुसार प्रदेशभर के मान्यता प्राप्त सभी शैक्षणिक संस्थानों में प्रैक्टिकल परीक्षाएं 1 जनवरी से 20 जनवरी 2026 के बीच आयोजित की जाएंगी

बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि प्रायोगिक परीक्षाओं के दौरान आंतरिक और बाहरी दोनों प्रकार के परीक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य रहेगी। इस व्यवस्था को इसलिए लागू किया गया है ताकि मूल्यांकन की पारदर्शिता बनी रहे और छात्रों के प्रदर्शन का निष्पक्ष आकलन किया जा सके। सभी प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने केंद्रों में समय-सीमा के अंदर परीक्षा प्रक्रिया पूरी करने के लिए आवश्यक तैयारी तत्काल शुरू करें।

बोर्ड ने इस बार प्रायोगिक परीक्षा को केवल 20 दिनों के भीतर समाप्त करने का कड़ा निर्देश जारी किया है। इसके लिए स्कूलों को ऐसा टाइम-टेबल तैयार करने की सलाह दी गई है, जिससे विभिन्न विषयों की प्रयोगशाला परीक्षाएं निर्धारित अवधि में सुव्यवस्थित तरीके से पूरी कराई जा सकें। कई स्कूलों में प्रैक्टिकल लैब के सीमित संसाधनों को देखते हुए प्राचार्यों को शिफ्ट आधारित परीक्षा प्रणाली अपनाने का भी विकल्प देने की तैयारी है।

इसी के साथ मंडल ने बताया कि प्रायोगिक परीक्षा में प्राप्त अंकों की ऑनलाइन प्रविष्टि और शील्ड पेपर जमा करने की अंतिम तिथि अलग से घोषित की जाएगी। मूल्यांकन के बाद सभी प्रैक्टिकल डेटा को पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य रहेगा, ताकि मुख्य परीक्षा के अंकपत्र तैयार करने में किसी प्रकार की देरी न हो।

सूत्रों के अनुसार, बोर्ड फरवरी महीने के पहले सप्ताह तक मुख्य बोर्ड परीक्षा की समय-सारणी जारी कर सकता है। प्रायोगिक परीक्षा की तारीखों का ऐलान होते ही अब छात्रों और स्कूलों दोनों की तैयारियाँ तेज हो गई हैं। विज्ञान, गृह विज्ञान, भूगोल, व्यवसाय अध्ययन, कृषि और अन्य प्रायोगिक विषयों के लिए शिक्षकों ने लैब संबंधी सामग्री और प्रयोगों की सूची अपडेट करना शुरू कर दिया है।

स्कूलों में यह भी निर्देश दिया गया है कि प्रायोगिक परीक्षाओं से पहले सभी उपकरण, रिकॉर्ड फाइलें, प्रयोगशालाओं की मशीनें और सुरक्षा सामग्री की उपलब्धता की जांच कर ली जाए। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति में बिना बाहरी परीक्षक के प्रैक्टिकल परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी और ऐसा करने वाले संस्थानों पर कार्रवाई की जा सकती है।

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