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सिकलसेल के लिए राष्ट्रीय स्तर का रिसर्च सेंटर खोलने केन्द्र को प्रस्ताव, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की

बिगुल
रायपुर. छत्तीसगढ़ के सुपेबेड़ा में लंबे समय से किडनी पीड़ित मरीज आ रहे हैं. इनके इलाज की सुविधा के लिए गरियाबंद में किडनी यूनिट आरंभ की गई है लेकिन इस समस्या के स्थाई निदान पर भी काम करने की जरूरत है. इसके लिए बीमारियों के कारण जानने संबंधी जो भी रिसर्च किया जा सकता है वह किया जाए.

इसके साथ ही मरीजों के पर्याप्त इलाज की सुविधा भी हो ताकि सुपेबेड़ा के लोगों को भविष्य में किडनी संबंधी समस्याओं से पूरी तरह मुक्त किया जा सके. साथ ही पखांजूर जैसे क्षेत्रों में जहां अधिक मरीज आ रहे हैं, वहां डायलिसिस सेंटर की स्थापना की जाए. यह बात मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कही.

4 घंटे से अधिक समय तक चली इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की आगामी योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की तथा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की जानकारी ली एवं उनके बेहतर क्रियान्वयन के लिए निर्देश भी दिए. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल भी मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री ने रिस्पांस टाइम के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि 108, 102 और शव वाहन जैसी गाड़ियां अच्छी स्थिति में रहे. 108 जैसी गाड़ियों की स्क्रीन में ड्राइवर को पता चल जाए कि उसे मरीज को कौन से निकटतम अस्पताल में ले जाना है. सबसे निकट के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर को भी मैसेज के माध्यम से अलर्ट कर दिया जाए ताकि अस्पताल में इमरजेंसी रिस्पांस की तैयारी की जा सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि संभाग मुख्यालय में कम से कम 2 एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली एंबुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थागत प्रसव को शत प्रतिशत करना सबसे अहम कार्य है. इसके लिए नियमित अंतराल पर एएनसी जांच करना सुनिश्चित करें. शिशु मृत्यु दर को रोकने के लिए अस्पताल में न्यू बार्न केयर यूनिटों को बढ़ाया जाए.

सिकल सेल के संबंध में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्तर के रिसर्च सेंटर का प्रस्ताव केंद्र को भेजने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सिकल सेल के मरीजों की नियमित रूप से काउंसलिंग हो और उनका बेहतर उपचार होता रहे.

समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, पी. दयानंद, डॉ. बसव राजू एस, स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव चंदन कुमार, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ऋतुराज रघुवंशी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक जगदीश सोनकर, खाद्य एवं औषधि विभाग के नियंत्रक कुलदीप शर्मा, सीजीएमएससी की प्रबंध संचालक श्रीमती पद्मिनी भोई साहू, आयुष की प्रबंध संचालक सुइफ्फत आरा,चिकित्सा शिक्षा के संचालक डॉक्टर यू एस पैकरा सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे.

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