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कोयला खदान हादसा : अब तक तीन की मौत, दो की हालत गंभीर, एसईसीएल की दीपका कोयला खदान में अवैध खुदाई कर रहे थे मृतक, सरकारी अधिकारियों पर प्रश्रय देने का आरोप

हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर रेस्क्यू अभियान चलाया गया। सुबह तक चले रेस्क्यू में दो लोग तो सुरक्षित निकाले गए, लेकिन 3 लोगों को नहीं बचाया जा सका। बताया जा रहा है कि, हरदीबाजार थाना क्षेत्र के दीपका खदान के सुवाभोडी गांव में बम्हनी कोना निवासी 5 युवक गुरुवार दोपहर 3 बजे कोयला चोरी करने गए थे। तभी अचानक मिट्टी का एक बड़ा हिस्सा धंसक कर उनके ऊपर आ गिरा। खबर मिलते ही बचाव दल ने रेस्क्यू अभियान शुरू किया। हादसे की खबर मिलते ही प्रशासन के अधिकारी बचाव दल के साथ मौके पर पहुंचे।

पहले मलबे में दबे दो युवकों प्रदीप पोर्ते (18 वर्ष) और शत्रुघ्न कश्यप (23 वर्ष) को बाहर निकाला गया। वहीं, एक किशोर लक्ष्मण ओढ़े (17 वर्ष) खदान के नीचे गहराई में घायल हालत में मिला। शुक्रवार तड़के उसे भी बाहर निकाला गया। मिट्टी धंसकने के बाद लक्ष्मण गहराई में गिरा था। रेस्क्यू करते समय बचाव दल की नजर उस पर पड़ी। वह टीम को अपना खून से सना हाथ दिखा रहा था। प्रशासन ने माइंस में रात भर रेस्क्यू चलाया। इस दौरान कलेक्टर, एसपी समेत तमाम अधिकारी रात भर डंट रहे। माइंस से दो युवकों को सुरक्षित तो तीन लोगों के शव निकाले गए हैं।

एक ही गांव के थे सभी युवक
इस हादसे में प्रदीप पोर्ते (18 वर्ष), शत्रुघ्न कश्यप (27 वर्ष) और लक्ष्मण मरकाम की मौत हो गई। लक्ष्मण मरकाम ने इलाज के दौरान दम तोड़ा। वहीं, अमित कुमार (17 वर्ष) और लक्ष्मण ओढ़े को सुरक्षित निकाल लिया गया है। घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरदी बाजार में भर्ती कराया गया है। हादसे में घायल अमित ने बताया कि पांचों एक ही गांव के रहने वाले थे। कोयला निकालने गए थे, इस दौरान ये हादसा हो गया।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान चलाया। एसईसीएल प्रबंधन का दावा है कि यह सभी लोग प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसकर कोयला निकाल रहे थे। इस इलाके में किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है। मिट्टी खोदकर कोयला निकालने की कोशिश की जा रही थी। इसी दौरान मिट्टी भरभराकर लोगों पर गिर गई और तीन लोग इसकी चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौत हो गई है। देर रात तक एसईसीएल और जिला प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान चलाया गया।

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