भरोसे का सम्मेलन : सम्मेलन जनता का, संदेश पार्टी को : वरिष्ठ पत्रकार डॉ.अनिल द्विवेदी मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण का विश्लेषण कर रहे हैं!
बिगुल/ डॉ.अनिल द्विवेदी
रायपुर. अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे दो दिन से छत्तीसगढ़ के दौरे पर थे. आज उन्होंने राजनांदगांव के ठेकवा में ‘भरोसे का सम्मेलन’ को संबोधित किया. गुजरे एक महीने में राष्ट्रीय अध्यक्ष का यह दूसरा दौरा था और विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक खरगे छत्तीसगढ़ आते रहेंगे.
सिर्फ एक फूल
मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के कददावर नेताओं में से एक हैं. राज्यसभा में नेता विपक्ष हैं और कर्नाटक से बिलांग करते हैं. भरोसे का सम्मेलन में उन्होंने एक साथ कई संदेश दिए. जिन नेताओं ने उनका स्वागत किया, खरगे साहब ने एक फूल वाला गुलदस्ता तो स्वीकार कर लिया लेकिन बड़ा गुलदस्ता उन्होंने देने वाले को ही वापस कर दिया!
मोदी ने वादा तोड़ा
इसी सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने उदबोधन में एक गंभीर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक महीने पहले 86 लाख टन धान खरीदने का वादा किया था लेकिन वे छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे हैं, उसके पहले ही इसे घटाकार 61 लाख टन कर दिया. स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री जब भी छत्तीसगढ़ दौरे पर आएंगे तो उन्हें इसकी सफाई देनी ही होगी, देनी चाहिए भी.
जनता से रूकने को कहा
इसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे ही भाषण देने डायस पर आए तो लोग उठकर जाने लगे. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोगों से अपील की कि 10-15 मिनट बैठ जाइए बस! इस पर खड़गे ने चुटकी ली कि भूपेश बघेल ने एडवांस में सब दे दिया इसलिए सब जा रहे हैं. अगर देरी करके देते तो लोग उसके इंतजार में बैठे रहते.
जय जोहार बोले खड़गे
खड़गे के खिलाफ भाजपा ने टिवटर वार छेड़ रखा था : जवाब दो खड़गे. उन्होंने अपने भाषण की शुरूआत जय जोहार से करते हुए छत्तीसगढ़ महतारी, गुरू घासीदास, वीरनारायण सिंह और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करके किया. राहुल गांधी इस मामले में थोडा चूक जाते हैं. खरगे ने राजनांदगांव के उस प्रदेश कांग्रेस भवन को भी याद किया जिसका उदघाटन तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल ने अपने हाथें से किया था. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सांस्कतिक धारा और सदभाव की धरती है.
खड़गे साहब, आंकड़ों के फेर में उलझे
भाषण के दौरान खड़गे साहब आंकड़ों के फेर में उलझ गए. उन्हांने कहा कि हमारी सरकार एक लाख 07 हजार टन धान खरीदती है, पहले की भाजपा सरकार सिर्फ 40 लाख टन धान खरीदती थी, इस पर बघेल उठकर आए और उन्हें बताना चाहा तो उन्होंने कहा कि ये तो वो लोग खरीदते थे, आप कितना खरीदते हैं तो बघेल ने बताया कि 1 करोड़ 40 लाख टन धान खरीदते हैं, इस पर खडगे थोड़ा कन्फयूज हुए और कहा कि चलो रहने दो.
‘आप भरोसे में और मैं भी भरोसे में
राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण के दौरान याद दिलाया कि गुजरे 13 अगस्त 2023 को जब मैं जांजगीर सम्मेलन में आया था तो मिनी माता की याद में मेडिकल कालेज खोलने की घोषणा की थी तो उसका क्या हुआ. इस पर खुद ही जवाब देते हुए खड़गे ने कहा कि सीएम बोले हैं कि दो और मेडिकल कॉलेज आ रहे हैं, उसके साथ ही इसकी भी घोषणा करेंगे. इसके बाद खड़गे ने कहा कि आप भी भरोसे पर जी रहे हैं और मैं भी भरोसे पर जी रहा हूं. उन्होंने यकीन दिलाया कि कांग्रेस सरकार दुबारा बनेगी और मेडिकल कॉलेज भी लाएंगे.
मंत्रियों की तारीफ
इसी तरह खडगे ने जब जनता से पूछा कि भूपेश जी बोल रहे है कि धान खरीदी का पैसा दिया है तो क्या आपको मिला, इस पर लोग कुछ नही बोले तो खड़गे फिर भूपेश बघेल की ओर पलटे और भूपेश जी ये लोग कुछ भी नही बोल रहे. थोड़ी देर बाद जनता ने ‘मिल रहा है’ कहकर जवाब दिया. खरगे ने छत्तीसगढ सरकार के मंत्रियों की भी तारीफ की और कहा कि उन्होंने जो मेहनत की, उसी का नतीजा है कि सरकार दुबारा कांग्रेस की बनेगी जोकि गरीबों दलितों पिछड़ों किसानों की सरकार होगी.
मोदी किसी को भाषण नही देने देते
राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण में पीएम नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाया कि वे छत्तीसगढ़ आते हैं तो अकेले ही भाषण देकर चले जाते हैं. अपने साथियों को नही बोलने देते. बघेल साहब ने तो कम से कम दो तीन लोगों को बोलने का मौका दिया. खड़गे ने आरोप लगाया कि जे पी नडडा और अमित शाह जैसे नेता सिर्फ चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ आते हैं. पहले आते थे तो ये नेता आपसे में बांटकर खा लेते थे. वे गरीबों को नहीं बांटते थे. इस पर भाजपा ने टिप्पणी की कि ये वही खड़गे हैं जिनका बेटा सनातन से नफरत करता है.
सीएम भूपेश बघेल असहज दिखे
श्री खरगे ने आज जिस तरह कई मुददों पर आक्षेप किया, उससे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल थोड़ी देर असहज दिखे. तीन—चार बार उन्हें खड़गे ने टोका और पूछा भी. इस पर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता कयास लगाते रहे कि खडगे साहब का मूड थोड़ा उखड़ा हुआ लगा.