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धर्मांतरण : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का दावा : नक्सलवाद और धर्मांतरण के खिलाफ सरकार सख्त, पत्रकार डॉ.अनिल दिवेदी ने किए कई सवाल, देखिए पूरा इंटरव्यू

सीएम उवाच : रावघाट परियोजना पर आगे बढ़ेंगे, धर्मांतरण कराने वाली मिशनरियों पर शिकंजा कसेंगे, लोकसभा चुनाव के बाद दोनों मंत्रीपद भरेंगे

लोकसभा चुनाव अब अंतिम दौर में हैं. छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है और परिणाम की प्रतीक्षा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने कई भाषणों में छत्तीसगढ़ की तारीफ कर रहे हैं. इसकी वजह यहां का सुशासन और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का नेतृत्व है. कई राज्यों का चुनावी दौरा करने के बाद श्री साय ‘प्रखर मीडिया हाउस’ से रूबरू हुए. विशेषतौर पर 35 सालों से जारी ‘प्रखर कवि सम्मेलन’ की याद ताजा की जब वे मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह में शामिल हुए थे. स्थानीय संपादक डॉ.अनिल द्विवेदी ने जनता के हित से जुड़े कई मुददों पर उनसे बातचीत की. उसी का अंश :

सायजी, लोकसभा चुनाव अब अंतिम दौर में हैं. छत्तीसगढ़ सहित आपने कई राज्यों का दौरा किया है, क्या मूड लग रहा है आपको देश का.

श्री साय : बहुत अच्छा वातावरणा भाजपा के पक्ष में है. हम करीब 75 विधानसभा में गए, 100 से ज्यादा कार्यक्रम हुए. यशस्वी प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे राष्ट्रीय नेताओं का कार्यक्रम हुआ. सभी की सभाओं में जनसैलाब उमड़ा. कई कार्यक्रमों में कांग्रेस नेताओं ने पार्टी छोड़कर भाजपा प्रवेश किया. प्रदेश में चुनाव संपन्न होने के बाद पार्टी के आदेश पर मैंने मध्य प्रदेश का दौरा किया, झारखण्ड का दो बार दौरा, उड़ीसा का तीन बार दौरा कर चुका हूं. तेलांगाना भी गया. सभी जगह भाजपा के पक्ष मे माहौल है. पूरा विश्वास है कि हम 400 सीटों का लक्ष्य हासिल कर सेंकेगे.

छत्तीसगढ़ में आपका जुड़ाव सरगुजा और रायगढ़ जिला में ज्यादा रहा है, इसके सहित प्रदेश में सीटें जीतने को लेकर कितने आशान्वित हैं.

सायजी : रायगढ़ हमारा संसदीय क्षेत्र रहा. 20 साल तक चार बार सांसद रहा. वहां की जनता ने बढ़चढ़कर आर्शीवाद दिया. पहला चुनाव हम 5800 से जीते, दूसरा चुनाव 74 हजार, तीसरा चुनाव 54 हजार से जीते और चौथा चुनाव 17 हजार से जीते. वहां की जनता ने हमेशा बढ़ाकर ही आर्शीवाद दिया है. फिर वोट प्रतिशत दूसरे राज्यों की बजाय छत्तीसगढ़ का अधिक है. हमारे प्रत्याशी राधेश्याम राठिया विजय होंगे. हम इस बार जीतने का रिकार्ड तोड़ेगे.

एमपी, राजस्थान की अपेक्षा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छत्तीसगढ़ का बखान अपनी सभाओं में कर रहे हैं, इसकी क्या बड़ी वजह आप मानते हैं. आप तो मोदी मंत्रिमण्डल में मंत्री भी रहे. क्या यह आपके प्रति विश्वास का प्रगटीकरण है.

सायजी : ये उनकी महानता है कि छत्तीसगढ को तवज्जो दे रहे हैं. उनके चार कार्यक्रम छत्तीसगढ में हुए. अपार जनसैलाब उमड़ा. पीएम मोदी वैश्विक नेता है. उन्होंने गांव, गरीब, किसान प्रत्येक वर्ग के लिए काम किया है. देश के प्रत्येक प्ररिवार ने केन्द्र सरकार की किसी न किसी योजना का लाभ उठाया. हमने विधानसभा चुनाव मोदी की गारंटी पर लड़ा जिसके आधार पर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी.

देशभर में छत्तीसगढ़ नक्सलवाद को लेकर चर्चा में हैं. आपके छह महीने के कार्यकाल में सबसे ज्यादा सफलता नक्सलवाद के मोर्च पर मिली है. पांच सालों में क्या आप नक्सलवाद खत्म कर सकेंगे.

सायजी : हमारे प्रधानमंत्री, गृहमंत्री का संकल्प है कि दो साल में हम नक्सलवाद खत्म कर लेंगे. हमारी डबल इंजन की सरकार इस पर काम कर रही है. लगातार एनकाउंटर में नक्सली मारे जा रहे हैं. आत्मसमर्पण भी कर रहे हैं. उनकी संख्या बहुत ज्यादा है. यह चिंताजनक है. हम चाहते हैं कि वे बंदूक और हिंसा का रास्ता छोडकर विकास की मुख्य धारा में जुड़ें. हमने लोन वर्राटु अभियान चलाया जिसके बेहतर परिणाम मिल रहे हैं. पुलिस को भी हमने दबावमुक्त कर रखा है.

आपकी सरकार ने 154 दिन पूरे कर लिए हैं. गुजरे विधानसभा चुनाव में आपने 20 घोषणाएं की थी. सरकार बनने के बाद 14 घोषणाओं पर मुहर लग चुकी है. बची हुई छह घोषणाएं कब तक पूरी होंगी.

साय जी : मोदी की गारंटी के साथ हमने वादा किया था. जनता ने अब पांच साल का अवसर दिया है. हमें विश्वास है कि हम बाकी घोषणाओं को भी पूरा कर लेंगे.

नक्सलवाद में आपकी सफलता सराहनीय है लेकिन कानून व्यवस्था की बात करें तो छत्तीसगढ़ सायबर अपराध से जूझ रहा है. चिंताजनक यह है कि यह महाराष्ट्र और दिल्ली से होते हुए छत्तीसगढ में आ गया है. सायबर अपराध को सरकार किस तरह नियंत्रण करेगी.

सायजी : देखिए, इस पर सरकार चिंतित तो है. हमने इसे रोकने के प्रावधान भी भी किए हैं. सायबर थाना खोलने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है. अपराध चिंताजनक है, नियंत्रित करेंगे.

धर्मांतरण पर आपने खुलकर बात कही है. घर वापसी के कार्यक्रम भी लगातार हो रहे हैं. आप जिस इलाके से आते हैं, वहां पर मिशनरियों का दबदबा है. पिछली रमन सरकार ने नया धर्मातरण निषेध अधिनियम बनाया था लेकिन सालों हो गए, प्रभावी नही हो सका. मिशनरियां आज भी धर्मांतरण के कार्यों में सक्रिय हैं. क्या आपकी सरकार सख्त कदम उठाएगी.

सायजी : मैं जशपुर जिले से आता हूं. वहां के कुनकुरी इलाके में एशिया महाद्वीप का दूसरा सबसे बडा चर्च है. वहां धर्मांतरण जोरों से होता रहा है. हमारे साथी स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव घर वापसी कार्यक्रम के नायक थे तथा वनवासी कल्याण आश्रम के कारण वहां का इलाका सुरक्षित है. जूदेव ने धर्मांतरण के खिलाफ जबरदस्त मुहिम चलाई तब मैं भी उनके साथ जुड चुका था. हमने दर्जनों पदयात्रांए गौ हत्या, धर्मातरण के खिलाफ की हैं. हजारों लोग धर्मांतरित हो गए थे, उनके पैर धोकर घर वापसी करवाई है. ऐसे अभियानों से ही यह इलाका बचा हुआ है. जहां तक नये धर्मांतरण निषेध कानून की बात है तो सरकार उसे सख्ती से लागू करेगी.

154 दिन हो गए हैं आपकी सरकार को. ऐसा कौन सा काम है जो आपको सबसे अच्छा लगा जिसे करके आप संतुष्ट हैं.

सायजी : वैसे तो हमारी सरकार का लक्ष्य ही गरीबों का कल्याण करना है. हम योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ रहे हैं. सभी वादों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में गरीब, प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित रह गए थे, अब इसी पर आगे बढ़ना है. इसके अलावा महतारी वंदन योजना काफी सफल रही है. 70 लाख नारी शक्ति को प्रतिमाह एक हजार रूपये मिलता है. उनके चेहरे पर इसकी खुशी देखता हूं तो मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है.

रावघाट परियोजना कई सालों से लंबित पड़ी है. आपकी मोदी सरकार ने उसकी सभी तकनीकी बाधाएं भी दूर कर ली हैं लेकिन परियोजना प्रांरभ नही हो सकी. क्या आपकी सरकार की प्राथमिकता है इस पर.

साय जी : बिलकुल है. हमारा दक्षिण पूर्व रेल्वे सर्वाधिक आय देता आया है. मोदी सरकार ने भी इसे प्राथमिकता में रखा है इसलिए हमारा आत्मविश्वास और संकल्प मजबूत है. इस परियेाजना के आने से रेल सेवाएं राज्य में बढ़ेंगी. हम इस पर जरूर आगे बढ़ेंगे.

लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद मंत्रिमण्डल फेरबदल होने की अटकलें हैं. यह कब तक होगा
साय जी : हंसते हुए कहते हैं, देखिए जब वक्त आएगा तो पता चलेगा. एक पद मंत्रिमंडल में रिक्त है और एक पद बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद रिक्त होगा. पार्टी और केन्द्रीय आलाकमान से चर्चा करके इस पर कोई फैसला करेंगे.

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