हसदेव अरण्य : सिंहदेव चाहते तो अपनी सरकार में पेड़ों की कटाई रूकवा सकते थे! सिंहदेव-भूपेश बघेल के बीच मतभेद हमेशा से रहे, नई कमिटी में दोनों नेता बाहर
बिगुल
रायपुर. हसदेव खनन के चलते पेड़ों की कटाई को लेकर कांग्रेस नेता टी एस सिंहदेव और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच मतभेद हमेशा से ही रहे. इस मामले को लेकर कल कांग्रेस ने जो कमेटी बनाई, उसमें भी दोनों नेताओं को दूर ही रखा गया. सिंहदेव को तो सदस्य बनाया गया मगर भूपेश बघेल को कमिटी में जगह तक नही मिली.
विदित होवे कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में जब हसदेव खनन को लेकर पेड़ों की कटाई हो रही थी तब सिंहदेव ने इसका विरोध किया था. तब उनका बयान था कि मेरे विधायक रहते हुए यहां एक तिनका भी नही उखड़ेगा. इस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बयान देते हुए कहा था कि टीएस सिंहदेव चाहते हैं तो पेड़ क्या डंगाल तक नहीं कटेगा, गोली चलाने की नौबत नहीं आएगी. गोली चलाने वाले पर ही गोली चल जाएगी.
हालांकि सिंहदेव के विरोध के बावजूद पेड़ों की कटाई जारी रही. आश्चर्य कि इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कोई हस्तक्षेप नही किया था. 1252.447 हेक्टेयर में फैले छत्तीसगढ़ के परसा कोयला खदान के इलाके में 841.538 हेक्टेयर इलाका जंगल में है। परसा कोयला खदान राजस्थान के बिजली विभाग को आवंटित है। राजस्थान की सरकार ने अडानी ग्रुप से करार करते हुए खदान का काम उसके हवाले कर दिया है। राजस्थान का भी केते बासन का इलाका खनन के लिए आवंटित है। इसके खिलाफ उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट में केस भी चल रहा है। हाल ही में छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हुआ है। अब छत्तीसगढ़ सरकार ने खदानों के विस्तार को मंजूरी दे दी है।
प्रदेश युवा कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अभिषेक कसार के नेतृत्व में हसदेव वनक्षेत्र में जंगलों की अंधाधुंध कटाई के विरोध में छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस ने जयस्तंभ चौक में सांकेतिक प्रदर्शन किया. अभिषेक कसार ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की छत्तीसगढ़ में सरकार बनते ही विष्णुदेव साय के संरक्षण में मोदी के कॉरपोरेट मित्र हसदेव के जंगलों की कटाई कर रहे हैं. हज़ारों पेड़ काटे जा चुके हैं.