ब्रेकिंग : कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार को हाईकोर्ट का नोटिस, किसान नेता अनिल दुबे की बड़ी जीत, याचिका पर नोटिस जारी, करणी कृपा पावर प्लांट की मुसीबत बढ़ी
बिगुल
रायपुर. बिलासपुर हाईकोर्ट ने आज महासमुंद के एसपी, कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार को नोटिस जारी करते हुए 21 दिन के अंदर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया है. जबकि याचिकाकर्ता किसान नेता अनिल दुबे ने चारों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है
जानते चलें कि विगत छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष, किसान नेता अनिल दुबे को उनके सैकड़ों साथियों के साथ महीनों पहले महासमुंद पुलिस ने गिरफतार कर लिया था. तब दुबे दो से तीन दिन जेल में भी थे और जमानत पर छूटे थे.
दरअसल किसान नेता अनिल दुबे पिछले डेढ़ साल से महासमुंद के तुमगांव में सैकड़ों किसानों के साथ आंदोलन कर रहे हैं तथा करणी कृपा पावर प्लांट की स्थापना को अवैध बताते हुए उसका विरोध कर रहे हैं. महीनों पहले अचानक महासमुंद में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दौरा तय हुआ तो आंदोलन से हड़बड़ाए प्रशासन ने आंदोलनकारियों को बातचीत के लिए बुलाया जिसका नेतृत्व अनिल दुबे कर रहे थे. जैसे ही चर्चा खत्म हुई, अनिल दुबे को प्रशासन ने गिरफतार कर लिया. उस समय किसानों ने तगड़ा विरोध किया था.
श्री दुबे इस गिरफतारी से व्यथित थे और मानवाधिकार का हनन बता रहे थे. उसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया था कि चर्चा के दौरान महासमुंद के एसपी, कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार ने करणी कृपा पावर प्लांट प्रबंधन के निर्मल खेतान, प्रशांत खेतान, विमल खेतान, नीरज चौधरी के साथ समझौता करने का दबाव पुलिस प्रशासन ने बनाया था तथा आंदोलन खत्म करने को कहा था लेकिन मैंने इंकार कर दिया नतीजन मुझे बेमतलब का गिरफतार कर लिया था.
आज जब इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई तो अनिल दुबे की ओर से उनके वकील ईशान वर्मा, एस दुबे ने हाईकोर्ट से मांग की कि प्रशासन के चारों अधिकारियों को नोटिस देकर जवाब तलब किया जाए जिसके बाद हाईकोर्ट ने उपरोक्त अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
खबर है कि नोटिस जारी होने के बाद महासमुंद के पुलिस अधिकारी थानेदार नसीमुददीन और शिवानंद तिवारी एसपी का जवाब का इंतजार करते रहे लेकिन वे नही आए. हालांकि अभी 21 दिन का समय शेष है.