शिवनाथ नदी के पानी में घुलित ऑक्सीजन मानक के भीतर, हाईकोर्ट ने 5 दिसंबर को फिर जांच का दिया आदेश

बिगुल
हाईकोर्ट ने शिवनाथ नदी और खजिरी नाले के पानी की गुणवत्ता पर लिए गए नमूनों की जांच रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए कहा है कि फिलहाल नदी में घुलित ऑक्सीजन का स्तर मानक के भीतर है और कोई नया प्रदूषण नहीं पाया गया है।
अदालत ने मामले की आगे की मॉनिटरिंग 5 दिसंबर 2025 को करने का आदेश दिया है। यह मामला स्वतः संज्ञान लेकर दर्ज की गई जनहित याचिका से संबंधित है। जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि शिवनाथ नदी में औद्योगिक इकाइयों से प्रदूषित पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे नदी की पारिस्थितिकी पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। न्यायालय ने इस समाचार को गंभीरता से लेते हुए पर्यावरण बोर्ड, राज्य सरकार और संबंधित औद्योगिक इकाइयों से रिपोर्ट मांगी थी। आज मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई की।
कोर्ट के 25 अगस्त 2025 के आदेश के पालन में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल की क्षेत्रीय अधिकारी रश्मि श्रीवास्तव ने हलफनामा सहित रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में बताया गया कि 19 सितंबर 2025 को बिलासपुर क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों ने खजिरी नाला, शिवनाथ नदी के सतीघाट, ग्राम दगोरी और नाले के संगम स्थल ग्राम खजुरी से पानी के नमूने लिए। न्यायालय ने कहा कि उपलब्ध रिपोर्ट से स्पष्ट है कि नदी में प्रदूषण की कोई नई वृद्धि नहीं पाई गई और पानी की गुणवत्ता मानक स्तर पर बनी हुई है। अदालत ने कहा कि पर्यावरण बोर्ड ने न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जो यह दर्शाती है कि निगरानी की प्रक्रिया जारी है।