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ब्रेकिंग : केंद्रीय परिहन नीति लागू हुई तो ड्रायवर छोड़ रहे नौकरी, हड़ताल पर जाने की धमकी, हिट एंड रन के केस में वाहन चालक पर 7 लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद

बदली गई व्यवस्था में एक केंद्रीय परिहन नीति है, जिसे छत्तीसगढ़ में लागू कर दिया गया था। केंद्रीय परिवहन कानून को लेकर पूरे प्रदेश में विरोध देखने को मिल रहा है। इसी के चलते आज प्रदेश के सभी बस ड्राइवर हड़ताल पर जाने की योजना बना रहे हैं।

रायपुर में चल रही हड़ताल की तैयारी

मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के बस ड्राइवर नए परिवहन कानून को लेकर हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि हड़ताल के संबंध में आज दोपहर 12 बजे इकट्ठे होंगे और आगे की रणनीति तय की जाएगी। बताया जा रहा है कि अगर ड्राइवर हड़ताल पर गए तो तीन दिनों तक बस बंद हो सकते हैं। हालांकि अभी तक ड्राइवरों के हड़ताल जाने को लेकर अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

चालकों ने किया रोड जाम

वहीं, अंबिकापुर में नए कानून के विरोध में ड्राइवरों ने हड़ताल कर दिया है। ड्राइवरों ने गांधी चौक पर गाड़िया खड़ी कर रास्ता जाम कर दिया है। नए परिवहन कानून के विरोध में बस चालकों के साथ अब ऑटो, ट्रक चालक भी शामिल हो गए हैं। सभी चालक नए परिहन कानून में ड्राइवरों के लिए जो नियम लागू किए गए हैं उसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

नए परिवहन कानून में ये है ड्राइवरों के लिए प्रावधान

नए परिवहन कानून के तहत दुर्घटना होने पर यदि ट्रक चालक मौके से भाग जाता है तो उसे 10 साल की सजा व 5 लाख रुपए जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान लागू किया गया है। वाहन चालकों की मानें तो कोई वाहन चालक जानबूझ दुर्घटना नहीं करना चाहता। यदि दुर्घटना हो जाती है तो बड़े वाहन चालक का कसूर बताया जाता है। चालकों से दुर्घटना हो जाती है और वह मौके पर मौजूद रहता है तो भीड़ उसके साथ मारपीट करती है। उनके साथ हिंसक घटना का डर बना रहता है। भीड़ के रौद्र रूप से बचने के लिए मजबूरीवश चालकों को अपना गाड़ी व सामान छोडकऱ मौके से भागना पड़ता है।

भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद अब हिट एंड रन के मामलों में नियम सख्त हो गए हैं. नए नियम के तहत हिट एंड रन के केस में वाहन चालक पर 7 लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान किया गया है. इस प्रावधान का इंदौर में ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने विरोध किया है.

ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अमृत मदान ने कहा कि प्रस्तावित कानून बिना किसी परामर्श और स्टेकहोल्डर की सहमति से पेश किया गया है. जिसे बिना जमीनी हकीकत जाने लागू किया जा रहा है.” उन्होंने कहा कि “परिवहन उद्योग और वाहन चालक भारत की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण पहिए हैं. भारत इस वक्त वाहन चालकों की कमी से जूझ रहा है, लेकिन सरकार का इस और कोई ध्यान नहीं है. ऐसे में 10 साल की सजा के प्रावधान के बाद अब ट्रक ड्राइवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं.”

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