Blog

अंतरिक्ष में भारत ने फिर रचा इतिहास, गगनयान मिशन के क्रू मॉडल को किया सफलतापूर्वक लॉन्च

बिगुल

दिल्ली :- भारतयी अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ने गगनयान मिशन के क्रू मॉडल को सफलतापूर्वक लॉन्च कर लिया है। अंतरिक्ष एजेंसी को दूसरे प्रयास में सफलता मिली है। आज सुबह करीब 8:30 बजे इसकी कोशिश की गई तो तकनीकी करणों से इसा टालना पड़ गया। हालांकि, 10 बजे के करीब फिर प्रयास किया गया। और इसबार इसरो को सफलता मिली।

गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन -1 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। दूसरे परीक्षण से पहले इसरो ने बताया कि महत्वाकांक्षी गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम से जुड़े पेलोड के साथ उड़ान भरने वाले परीक्षण यान में विसंगति का पता लगाकर उसे दूर कर दिया गया। इसरो ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ”प्रक्षेपण रोके जाने के कारण का पता लगा लिया गया है और उसे दुरुस्त कर दिया गया है।”

रॉकेट का प्रक्षेपण पहले सुबह आठ बजे के लिए निर्धारित था, लेकिन बाद में इसे दो बार कुल 45 मिनट के लिए टाला गया। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने इसके बाद बताया कि किसी विसंगति के कारण प्रक्षेपण तय कार्यक्रम के अनुसार नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि टीवी-डी1 रॉकेट का इंजन तय प्रक्रिया के अनुसार चालू नहीं हो सका था।

इस उड़ान में तीन हिस्से सिंगल स्टेज लिक्विड रॉकेट, क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम शामिल हैं। उड़ान के समय टेस्ट व्हीकल सीएम और सीईए को ऊपर ले जाएगा। फिर अबॉर्ट जैसी परिस्थिति बनाई जाएगी। अबॉर्ट का मतलब है, दिक्कत होने पर अंतरिक्ष यात्री को मॉड्यूल सुरक्षित वापस लाएगा। इस समय कैप्सूल की गति मैक 1.2 यानी 1431 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भरेगा। इसी गति में 11.7 किलोमीटर की ऊंचाई से सीईएस रॉकेट से 60 डिग्री पर अलग होगा। इसके बाद क्रू-मॉड्यूल और क्रू-एस्केप सिस्टम 594 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से 17 किलोमीटर ऊपर जाना शुरू करेगा।

वहां पर दोनों सिस्टम अलग होंगे। क्रू-मॉड्यूल जब सीईएस से अलग होगा, तब 16.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर इसके छोटे पैराशूट खुल जाएंगे। जब कैप्सूल 2.5 किलोमीटर से कम ऊंचाई पर होगा, तब इसके मुख्य पैराशूट खुलेंगे। श्रीहरिकोटा से 10 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में क्रू-मॉड्यूल की लैंडिंग होगी। वहां से उसे नौसेना रिकवर करेगी। वहीं सीईएस 14 किलोमीटर और टीवी बूस्टर छह किलोमीटर दूर समुद्र में गिरेंगे और डूब जाएंगे।

Show More

The Bigul

हमारा आग्रह : एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं. कृपया हमारी आर्थिक मदद करें. आपका सहयोग 'द बिगुल' के लिए संजीवनी साबित होगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button