इजरायल की जल तकनीक आएगी भारत, मैपकास्ट ने की पहल, हुई कार्यशाला
बिगुल
एक छोटा सा देश इजराइल अपने आधुनिक तकनीकी विकास का दुनिया में लोहा मनवा चुका है। चाहे वो डिफेंस का क्षेत्र हो, जल प्रबंधन का क्षेत्र हो अथवा कृषिका यह देश कई विकसित देशों से बहुत आगे है। जब भी विश्व में कही आधुनिक विज्ञान और उन्नत तकनीक की बात हो तो आकार में छोटे और प्राकृतिक संसाधनों के मामले में भारत से काफी पीछे होने के बावजूद इजरायल समूचे विश्व में अग्रणी देशों में गिना जाता है।
इस विचार को संज्ञान में रखते हुए आज मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकॉस्ट) ने भारत में इजरायल एंबेसी (दूतावास) में पदस्थ “वाटर अटैची” सुश्री नोआ को आमंत्रित किया और मध्यप्रदेश राज्य में जल क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी शासकीय और केंद्र शासन के विभागों को उनसे रूबरू होने का अवसर प्रदान किया। इजरायल एंबेसी, इंडिया की वाटर अटैची मिस नोएल के आज भोपाल प्रवास पर परिषद द्वारा एक बैठक आयोजित कर जल के क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी स्टेक होल्डर्स को जल प्रबंधन में अपने विभाग की तकनीकी पक्ष को रखने और आ रही समस्याओं के उचित समाधान हेतु आमंत्रित किया।
इस अवसर पर परिषद की गतिविधियों पर संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण तस्नीम हबीब द्वारा किया गया। जबकि परिषद के जल संसाधन प्रमुख डॉ. कपिल खरे द्वारा जल के क्षेत्र में अब तक पूर्ण किए गए प्रोजेक्ट्स की जानकारी प्रस्तुत की गई। पिछले तीन वर्षों में जल क्षेत्र में परिषद द्वारा रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक के प्रयोग से किए गए कार्यों के साथ आगामी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। मेपकॉस्ट एवं नर्मदा समग्र की संयुक्त पहल पर आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में वाटर सेक्टर पर काम करने वाले सभी गवर्नमेंट डिपार्टमेंट और स्टेक होल्डर्स उपस्थित हुए, जिनमें प्रदेश शासन के लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग, जल संसाधन विभाग, राष्ट्रीय जल विज्ञान विभाग (एनआईएच), केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय भूजल प्राधिकरण, AIGGPA एवं EPCO के विभाग प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए।