बीजापुर नक्सली फंडिंग केस में NIA ने पेश की चार्जशीट, किए कई बड़े खुलासे

बिगुल
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सली गतिविधियों से जुड़े फंडिंग नेटवर्क पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ा खुलासा किया है. 2023 में 6 लाख रुपए नकद के साथ पकड़े गए नक्सली सहयोगियों के मामले में NIA ने अब चार्जशीट दाखिल की है. जांच में यह सामने आया है कि मूलवासी बचाओ मंच के नाम पर संगठन चलाने वाले लोग नक्सलियों को आर्थिक मदद पहुंचाने का काम करते थे. इस मंच का इस्तेमाल न केवल नक्सलियों को फंडिंग के लिए, बल्कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों को भड़काने के लिए भी किया जा रहा था.
जानें पूरा मामला
मामला 2023 का है, जब बीजापुर पुलिस ने गजेंद्र माडवी और लक्ष्मण कुंजाम को संदिग्ध परिस्थितियों में छह लाख रुपए नकद और पासबुक के साथ गिरफ्तार किया था. पुलिस जांच में सामने आया कि यह राशि नक्सलियों तक पहुंचाई जानी थी. इसके बाद मामला NIA को सौंपा गया, जिसने जांच के दौरान फंडिंग नेटवर्क का पूरा जाल खंगाला. NIA ने बाद में रघु मिडियामी, सुनीता पोटाम, शंकर मुचाकी और दसरू पोडियाम को भी गिरफ्तार किया.
चार्जशीट में बड़ा खुलासा
एजेंसी की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी लंबे समय से नक्सल समर्थक गतिविधियों में सक्रिय थे और मूलवासी बचाओ मंच का उपयोग एक आवरण संगठन के रूप में किया जा रहा था. फंडिंग, प्रदर्शन और प्रचार के माध्यम से नक्सल आंदोलन को मजबूती देने की साजिश रची जा रही थी.
NIA ने अब कुल छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी है, जबकि सशस्त्र माओवादी मल्लेश कुंजाम अभी भी फरार बताया जा रहा है. एजेंसी ने उसके खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया है और उसकी तलाश जारी है. NIA का चार्जशीट में कहना है कि यह नेटवर्क राज्य में सक्रिय माओवादी संगठनों को आर्थिक मदद पहुंचाने की साजिश में शामिल था. जांच फिलहाल जारी है और आगे और भी गिरफ्तारियां संभव हैं.



