सिहोर : नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले को 20 साल की सजा, प्रतिकर के रूप में चार लाख रुपए भी देने के आदेश

बिगुल
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) महेश कुमार चौहान ने जघन्य एवं सनसनीखेज अपराध में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी रोहित हरियाल को धारा 5एल/6 पॉक्सो एक्ट में दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 7,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त, धारा 366 भादंवि में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 3,000 रुपये अर्थदंड की सजा दी गई।
विशेष लोक अभियोजक देवेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि फरियादी ने थाना जावर में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 13 सितंबर 2023 को सुबह 8 बजे वह दुकान चला गया था। घर पर उसकी पत्नी, दो बेटियां और बेटा थे। दोपहर 1:30 बजे अभियोक्त्री पेपर देने के लिए घर से निकली थी, लेकिन शाम 6 बजे तक घर नहीं लौटी। जब परिजनों ने स्कूल जाकर पता किया, तो मालूम हुआ कि वह स्कूल में पेपर देने पहुंची ही नहीं थी। परिजनों ने रिश्तेदारों और आसपास के इलाकों में खोजबीन की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। इस पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला-फुसलाकर भगाने की आशंका जताते हुए थाना जावर में धारा 363 भादंवि के तहत मामला दर्ज किया गया।
अभियुक्त की गिरफ्तारी
जांच के दौरान, 6 अक्टूबर 2023 को रंगपुरा व्हाइट सीमेंट, मोरवी, गुजरात से अभियुक्त रोहित हरियाल के कब्जे से पीड़िता को दस्तयाब किया गया। अभियोक्त्री के बयान दर्ज करने के बाद, धारा 366, 376(2)(एन) भादंवि एवं धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट जोड़ी गईं। जांच पूरी होने के बाद, न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया।
न्यायालय का निर्णय
अभियोजन पक्ष के साक्ष्य और अंतिम बहस के दौरान अभियोजन के तर्कों को स्वीकार करते हुए, न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार दिया और उसे 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 7,000 रुपये अर्थदंड तथा 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 3,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। इसके अलावा, पीड़िता के कल्याण एवं पुनर्वास के लिए पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत 4 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने का भी आदेश दिया गया।