लोकसभा चुनाव 2024 के लिए हो रहे चुनाव प्रचारों में पाकिस्तान का जिक्र कई बार बीजेपी के नेताओं ने किया है. खुद नरेंद्र मोदी भी कई बार पाक का नाम ले चुके हैं. इस बीच पाकिस्तान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के साथ संबंधों और अपने विकास को लेकर हमें समय बर्बाद नहीं करना चाहिए.
पीएम मोदी ने दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान के अलावा दुनिया में भारत के बढ़ते दबदबे और भारत की नीति को लेकर भी खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि भारत कैसे दुनिया के दूसरे देशों से अलग एक स्टैंड लेकर चल रहा है. हम बड़े देशों के सामने भी विरोध जताने से पीछे नहीं हटते.
पाकिस्तान के अप्रोच को लेकर दिमाग खपाना छोड़ दिया
पीएम मोदी से जब पाकिस्तान को लेकर पूछा गया कि 2014 में आपने कहा था कि बम, बंदूक और बारूद के बीच में बात हो सकती है क्या.. आज 10 साल हो गए हैं, आपने पाकिस्तान में कोई बदलाव देखा है क्या. इस सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, हमें पाकिस्तान के अप्रोच को लेकर अपना दिमाग खपाना नहीं चाहिए. हमें अपना लक्ष्य लेकर आगे बढ़ते रहना चाहिए.
हमें दूसरों की जगह अपने देश के भविष्य की चिंता करनी चाहिए
पीएम मोदी ने आगे कहा, मैंने भारत और पाकिस्तान को लेकर 10 साल से सोचना बंद कर दिया है. मैं वो करना नहीं चाहता. उन्होंने अपना अलग देश बना लिया, वो अपना अच्छा करें, दो टाइम की रोटी खाएं, मुझे उसमें समय गंवाने की जरूरत नहीं है. हम आगे निकल चुके हैं. हमें अपना विकास उनके रेफरल पर करना ही नहीं चाहिए. हमें अपने देश के भविष्य की चिंता करनी चाहिए और उन्हीं को लेकर आगे बढ़ना चाहिए.
इजरायल और रूस के सामने भी जताया विरोध
दुनिया में बढ़ते भारत के दबदबे और आने वाले समय में भी कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों को लेकर आए इन्विटेशन पर जब पीएम मोदी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं बड़ी-बड़ी बातें करूं वो शोभा नहीं देता. दुनिया जानती है कि चुनाव में नतीजे क्या आने हैं… मेरे पास अगले दो- तीन महीने के इन्विटेशन हैं इंटरनेशनल लेवल पर. मैं खुद उन लोगों से मना करता हूं कि चुनाव के नतीजे आने हैं. वो कहते हैं कि हमें पता है कि क्या नतीजे आएंगे, आप जीतेंगे. उन्होंने कहा कि दुनिया के अधिकतर देश अपना एक पोजीशन लेकर बैठे हैं. बस हम अकेले हैं जो क्लियर है कि हम किसी के साथ नहीं हैं. हम शांति के पक्ष में हैं. इजरायल और हमास को लेकर भी हमने इजरायल को समझाने की कोशिश की थी कि रमदान में आप लड़ाई मत करो, किसी पर हमले मत करो. मैंने यूक्रेन के मुद्दे पर रूस से भी कहा था कि यह समय युद्ध का नहीं है.