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SECL सुरक्षाकर्मी का कटा पैर, मजदूरों ने किया घेराव, सुरक्षा मानकों की अनदेखी, प्रबंधन की लापरवाही हुई उजागर

बिगुल
चिरमिरी. एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र अंतर्गत कुरासियां कॉलरी उपसमूह के डोमनहिल रेल साइडिंग के माध्यम से कोयला परिवहन किए जाने वाले रेलवे साइडिंग सीएचपी में बीती रात सुरक्षा प्रहरी के पद पर कार्यरत जयलाल आत्मज (40 वर्ष) रात्रि पाली की ड्यूटी पर गया था. उसी दौरान रेल रैक में लगी बैगन अचानक बैक कराई गई जिसके चपेट में आने से सुरक्षाकर्मी जयलाल को गंभीर चोटें आई.

बताया जा रहा है कि इस दुर्घटना में जहां एक ओर जयलाल की बाइक चकनाचूर हो गया. वही उसका बायां पैर तथा हाथ की 3 उंगलियां कट कर अलग हो गई. दुर्घटना की सूचना मिलते ही कोयला प्रबंधन के हाथ पांव फूल गए. आनन फानन में तत्काल घायल जयलाल को क्षेत्रीय अस्पताल कुरासिया लाया गया. घायल की स्थिति लगातार खराब होते दिखने पर कोयला प्रबंधन द्वारा एंबुलेंस द्वारा तत्काल अपोलो अस्पताल बिलासपुर रेफर कर दिया गया.

दूसरी गंभीर दुर्घटना है
जानकारी के अनुसार अपोलो अस्पताल बिलासपुर में एडमिट घायल जयलाल की स्थिति गंभीर बनी हुई है एसईसीएल चिरमिरी के उक्त सीएचपी रेल्वे साइडिंग में रेल रैक के चपेट में आने से यह दूसरी गंभीर दुर्घटना है. बीते डेढ़ दशक पूर्व में भी इसी स्थान पर तात्कालिक पोंडी कॉलरी उप क्षेत्रीय प्रबंधक रामाराव की बैंगन दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, इन दोनों ही प्रकार की दुर्घटना में एक कारण लगभग समान है रेलवे साइडिंग में घोर अंधकार रहता है.

उचित प्रकाश और संकेत की व्यवस्था नहीं
जानकार बताते हैं कि डोमनहिल कोयला साइडिंग में जहां करोड़ों रुपये का कोयला प्रतिदिन रेल रैक के माध्यम से देश के अन्यत्र स्थानों पर भेजा जाता है, वहां सुरक्षा की कोई पुख्ता व्यवस्था कोयला प्रबंधन द्वारा नहीं की गई है उक्त महत्वपूर्ण सीएचपी साइडिंग में न तो उचित प्रकाश की व्यवस्था है और न ही रेल बैगन को आगे पीछे किए जाने के दौरान कोई सायरन या संकेतक की व्यवस्था है बहरहाल पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति पर नौकरी करने पहुंचा अपना पैर और हाथ की उंगलियां गंवा चुके घायल जयलाल और उसके आश्रित परिवार पर जीवन मरण का संकट खड़ा हो गया है.

वहीं कोयला प्रबंधन इस भीषण सुरक्षा व्यवस्था की लापरवाही को छुपाने में पूरी ताकत लगा रहा हैं. चिरमिरी एरिया सेफ्टी मेंबर संजय तिवारी ने उक्त घटना के संबंध में कहा कि ये दुर्घटना पूरी तरह से कोयला प्रबंधन को लापरवाही की परिणीति है संवेदनशील स्थानों पर भी कोयला प्रबंधन की सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती रही हैं.

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