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सेवा या धंधा : रेल्वे स्टेशन में खाने-पीने के नाम पर अवैध वसूली, बिक रहा दूसरे ब्रांड का पानी, बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर प्रशासन की नाकामी पड़ रही भारी

बिगुल
बिलासपुर. रेलवे स्टेशन पर जन आहार केंद्र एक साल से बंद पड़ा है. इसकी वजह से रेल यात्रियों से खाने-पीने के नाम पर अवैध वसूली हो रही है. यह केंद्र कब खुलेगा अधिकारियों के पास जवाब नहीं है. वहीं, यात्रियों का कहना है कि रोड साइड वेंडर प्रत्येक थाली के 100 से 150 रुपए लेकर भी बासी खाना परोस रहे हैं. इसके अलावा ठंडे पानी के नाम पर भी रेलवे के कर्मचारी अधिक पैसा लेकर लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं.

सबसे ज्यादा परेशानी उन यात्रियों को हो रही है जो लंबे सफर पर निकलते हैं. उनकी उम्मीदों के अनुरूप उन्हें न तो ट्रेनों में सुविधा मिल रही है और न ही खाना पीना. कुल मिला करके समस्याएं बरकरार है और रेल अधिकारी इसकी तरफ ध्यान देने को तैयार नहीं, जिसके कारण ही पिछले दो-तीन सालों से यात्रियों की परेशानी बनी हुई है.

बिक रहा दूसरे ब्रांड का पानी

रेलवे स्टेशन के कई दूसरे क्षेत्रों पर रेल नीर के अलावा दूसरे ब्रांड का पानी भी बिक रहा है. जबकि रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि रेलवे मुसाफिरों को रेल नीर का पानी ही उपलब्ध करवाना है क्योंकि यह सस्ता होता है. रेल अधिकारियों के मुताबिक, इसकी कीमत 15 रुपए हैं जबकि दूसरे ब्रांड का पानी 20 से 22 रुपए तक बेचा जा रहा है. गर्मी में लोगों का गला सूख रहा है इसलिए मजबूरी में उन्हें यह पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है. इसके अलावा रेलवे स्टेशनों पर वाटर कूलर बंद पड़े हैं क्योंकि कहीं न कहीं रेलवे अधिकारी भी वेंडर और दूसरे ब्रांड के पानी पीने वालों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

ट्रेनों में मचा हंगामा

बिलासपुर से रायपुर और बड़े राज्यों तक पहुंचने वाली ट्रेनों में यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. भीषण गर्मी में ट्रेन की बोगी की एसी बंद है और ऐसे में यात्रियों को गर्मी से बेचैनी महसूस हो रही है. बता दें कि सिकंदराबाद ट्रेन में शनिवार की रात यात्रियों ने हंगामा भी मचाया और उन्होंने इसकी शिकायत रेलवे बोर्ड तक की लेकिन फिर भी सुधार नहीं हुआ है.

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