खास खबर : 90 गांवों की 3,500 हेक्टेयर में फैली धान, गेहूं आम की फसलें बर्बाद, बेमौसम बारिश से प्रदेश के किसान परेशान, क्या राज्य सरकार देगी मुआवजा

बिगुल
रायपुर. छत्तीसगढ़ में सिर्फ बिलासपुर ही नहीं कोरबा, जगदलपुर, बलोदा बाजार भी किसानों के लिए उपयुक्त माना जाता है, और यह मौसम भी धान और गेहूं के लिए मुफीद है. लेकिन जिस तरह से एकाएक मौसम ने अपना रुख बदला है, उससे सारे जगह के किसान परेशान है, और उनकी परेशानी सुनने वाला कोई नहीं है.
प्रदेश में बेमौसम बारिश के चलते धान और गेहूं की फैसले बर्बाद हो गई है. किसान परेशान है, और उन्हें सूझ नहीं रहा कि वह क्या करें? विस्तार न्यूज़ ने बिलासपुर के आसपास के 10 गांवों का दौरा किया. तस्वीर चौंकाने वाली नजर आई. बारिश के साथ ओले गिरने से फसलों को खासा नुकसान पहुंचने की आशंका है। कोरबी-चोटिया क्षेत्र में तेज आंधी, तूफान के मध्य बारिश और ओले गिरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। गेहूं, अरहर, आम, चार, एवं मौसमी हरी सब्जियां नष्ट हुई हैं।
दरअसल गतोरी में रहने वाले किसान जगमोहन सूर्यवंशी का कहना है कि उन्होंने 10 एकड़ खेत में गेहूं लगाया था, लेकिन बारिश के कारण वह पूरी तरह खराब हो गया है. उन्हें प्रति एकड़ 14 क्विंटल गेहूं मिल जाया करता था, लेकिन इस बार स्थिति यह है कि वह गेहूं की फसल पर कुछ दिन बाद गायों को छोड़ने वाले हैं, ताकि यह वह चारा के रूप में ही काम आ सके.
इधर पौंसरा के रहने वाले दिलीप सतनामी बताते हैं, उन्होंने इस बार खेत में धान बोया ही नहीं जबकि उनके ही भाई विकास बताते हैं कि जितने एकड़ में धान की फसल उगाई थी. बारिश, हवा के चलते खराब हो गया. वे प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें मुआवजा मिल जाए लेकिन अभी तक प्रशासन ने भी इसकी कोई घोषणा नहीं की है. वह कहते हैं आने वाले दिनों में उन्हें भारी समस्या होने वाली है.
आम की फसलों पर भी खासा असर
यह मौसम सिर्फ धान गेहूं का नहीं है, बल्कि आम का भी मौसम है. कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी बताते हैं, कि इस बार आम को लेकर भी उन्हें भारी नुकसान हुआ है. हवा के चलते आम के कई पेड़ जहां ध्वस्त हो चुके हैं, तो वहीं जिन पेड़ों पर आम उगा भी था. वह हवा के झोंकों से जमीन पर गिरकर खराब हो चुका है. कुल मिलाकर स्थिति निराशाजनक है.
किसानों को होगी भारी समस्या
छत्तीसगढ़ में सिर्फ बिलासपुर ही नहीं कोरबा, जगदलपुर, बलोदा बाजार भी किसानों के लिए उपयुक्त माना जाता है, और यह मौसम भी धान और गेहूं के लिए मुफीद है. लेकिन जिस तरह से एकाएक मौसम ने अपना रुख बदला है, उससे सारे जगह के किसान परेशान है, और उनकी परेशानी सुनने वाला कोई नहीं है.
सरकार से चाहिए मुआवजा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार किसानों की फसलों को हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए हर मुमकिन आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।



