खास रपट : चिंतामणि जीते तो नप सकते हैं कई भाजपा नेता, कांग्रेस की शशि सिंह के जीतने पर कैसा होगा समीकरण
बिगुल
अंबिकापुर. सरगुजा लोकसभा सीट में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से लगातार भाजपा का कब्जा है. भाजपा हर लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बदलती है और उसके बाद भाजपा के उम्मीदवार ही यहां से चुनाव जीत रहे हैं, ऐसे में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार चिंतामणि महाराज को कितने वोटो से जीत मिलती है या कांग्रेस प्रत्याशी शशि सिंह चुनाव जीतती है.
हालांकि इस बार सरगुजा लोकसभा सीट में माना जा रहा है कि कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ेगा और भाजपा व कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर हो सकती है. मतलब साफ है की दोनों दलों के उम्मीदवारों के बीच जीत हार का अंतर होगा वह काफी कम वोटों से हो सकता है. ऐसा चुनाव संपन्न होने के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं, हालांकि पिछला लोकसभा चुनाव बीजेपी डेढ़ लाख से अधिक मतों से जीती थी.
कांग्रेस की शशि सिंह की जीती तो…
सरगुजा सीट में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जातिगत आधार पर गोड़ जाति के वोट बैंक को साधने की कोशिश की है. ऐसे में माना जा रहा है कि जब कल रिजल्ट जारी होगा तब उसमें इसका असर देखने को मिल सकता है. अगर शशि सिंह चुनाव जीत जाती हैं तो उसकी बड़ी वजह गोड़ जनजाति के वोट बैंक को एकजुट करने के लिए बनाई गई रणनीति भी महत्वपूर्ण कारण में शामिल होगी, हालांकि सरगुजा लोकसभा सीट में भाजपा व कांग्रेस दोनों की उम्मीदवार अपने जीत के दावे कर रहे हैं.
महाराज के जीतने पर किसकी नहीं गलेगी दाल
दूसरी तरफ भाजपा उम्मीदवार चिंतामणि महाराज के काम करने के तरीके व स्व विवेक से निर्णय लेने की वजह से भाजपा के स्थानीय बड़े नेता इस चुनाव परिणाम को लेकर ज्यादा खुश नहीं है क्योंकि उन्हें लगता है कि चिंतामणि महाराज से वे अपने हिसाब से काम नहीं करा पाएंगे क्योंकि चिंतामणि महाराज जनता और खुद के बीच में दूसरे लोगों को नहीं आने देना चाहते हैं, जब वे कांग्रेस से विधायक थे तब भी उनके इसी काम करने के तरीके को लेकर कांग्रेस के स्थानीय नेताओं में भी असंतोष का भाव था और तब कांग्रेस के नेता उनसे नाराज रहते थे यही वजह है कि भाजपा के नेता अब चिंतामणि के काम करने के इस तरीके को लेकर डरे हुए हैं कि चिंतामणि महाराज उनकी नहीं सुनेंगे और खुद से हर काम में निर्णय लेंगे.
मतलब साफ है चिंतामणि महाराज के सामने स्थानीय भाजपा नेताओं की दाल नहीं गलने वाली है अब देखना होगा की चुनाव जीतने के बाद चिंतामणि के काम करने के तरीके में बदलाव आता है या फिर वह सीधे जनता से संपर्क कर अपने हर विकास कार्य को अपनी हर रणनीति को आगे बढ़ाते हैं या फिर भाजपा संगठन के दबाव में आकर स्थानीय नेताओं को लेकर साथ चलते हैं लेकिन इतना तो साफ है की चिंतामणि महाराज इस चुनाव को जीतने जा रहे हैं क्योंकि सरगुजा लोकसभा सीट को लेकर अब तक जितने भी एग्जिट पोल हुए हैं उसमें बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है.