विधानसभा : राजधानी का गोलीकाण्ड गूंजा : विधायक अजय चंद्राकर, भावना बोहरा, गोमती साय, राजेश मूणत का सवाल चर्चा में, क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग
बिगुल
रायपुरः छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन की कार्यवाही आज विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की आसंदी पर विराजमान होने के साथ शुरू हुई, इस दौरान सदन में ंराजधानी का गोली काण्ड गूंजा. विधायक अजय चंद्राकर, विधायक गोमती साय, विधायक भावना बोहरा, विधायक राजेश मूणत मुखर हुए और सवाल खड़े करके मंत्रियों की खिंचाई भी की.
आज कार्यवाही के दौरान पक्ष विपक्ष के बीच नोकझोंक देखने को मिला। विधानसभा के सातवें दिन भी कई मुद्दों पर बहस जारी है। इस दौरान वीआईपी रोड में गोली चलने का मामला गूंजा। भाजपा विधायक धरम लाल कौशिक ने पूछा रायपुर के बार कल्बों में जो गोलियां चल रही है शराब के नशे में लड़के लड़कियां नाच रहे हैं, बिलासपुर में भी ऐसा ही माहौल है इस पर लगाम लगाएंगे क्या..? उनके इस सवाल के जवाब में सीएम साय ने कहा कि इस पर लगाम लगाया जाएगा।
आपको बता दें कि इससे पहले विधायक अनुज शर्मा ने अनुज शर्मा ने पूछा कि बहुत छोटे छोटे घर के लोगों को 25-25 हजार का बिल आ गया है। क्या इसका परीक्षण होगा? विधायक अनुज शर्मा के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका परीक्षण करा लेंगे।
इसके अलावा भाजपा विधायक गोमती साय ने आंगनबाड़ी की स्थिति सुधार को लेकर गोमती साय ने सवाल उठाया। उन्होंने 2023 में जशपुर के शासकीय अस्पताल के शौचालय में एक महिला के प्रसव होने और वहां उसके घंटो बेहोश रहने की जानकारी देते हुए इस मामले में दोषी डॉक्टर और स्टाफ पर कार्यवाही करने की बात कही। मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा कि इस तरह की किसी भी घटना की जानकारी अगर उन्हें मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी।
क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने पर उठा सवाल
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जिस क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए बगैर उसके आधार पर विधानसभा में आरक्षण (संशोधन) विधेयक पारित कराया था, उस पर भाजपा सरकार आने के बाद अब फिर से सवाल उठ रहा हैं. भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने विधानसभा में सवाल किया कि क्या आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक होगी? मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस पर विचार करने की बात कही है.
विधानसभा में अजय चंद्राकर ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सवाल किया कि क्वांटिफायबल डाटा आयोग कब और किन उद्देश्यों से गठित किया गया? उसका कार्यकाल कितनी अवधि का था? उसके कार्यकाल को कितनी बार बढ़ाया गया और अंतिम बार कितनी अवधि के लिए कब तक बढ़ाया गया? रिपार्ट राज्य सरकार को कब सौंपी गई? किन-किन संस्थाओं को देनी थी? इसके चेयरमेन व सदस्य कौन-कौन थे तथा इनको क्या-क्या सुविधायें दी गयी एवं कितनी राशि व्यय की गयी.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने जवाब में बताया कि क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा 11 सितंबर 2019 द्वारा किया गया. इसका उद्देश्य राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़े वर्गों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण कर क्वांटिफायबल डाटा एकत्रित किया जाना था. आयोग का कार्यकाल छह माह में प्रतिवेदन शासन को सौंपने हेतु गठन किया गया था, किन्तु प्रतिवेदन अपेक्षित होने के कारण आयोग का कार्यकाल 10 बार बढ़ाया गया, अंतिम बार 2 महीने की अवधि के लिए 31 दिसंबर 2022 तक के लिये बढ़ाया गया था. आयोग ने अपनी रिपोर्ट/प्रतिवेदन 21 नवंबर 2022 को राज्य सरकार को सौंपी.
स्मार्ट सिटी में गड़बड़ियों की होगी जांच
स्मार्ट सिटी रायपुर और नवा रायपुर की ओर से कराए गए निर्माण कार्यों की गड़बड़ियों की सरकार विभागीय जांच कराएगी। आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने सदन में इसकी घोषणा की। विधानसभा में बजट सत्र के छठवें दिन रायपुर-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश मूणत ने नवा रायपुर स्मार्ट सिटी और रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में अपात्र कंपनियों को आवंटित किए गए कामों पर सदन का ध्यान आकृष्ट कराया। मूणत ने आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में अधिकारियों ने मिलीभगत कर एक हज़ार करोड़ रुपये का काम अपनों को दे दिया गया। काम लेकर उसे सबलेट कर दिया गया। केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना की कल्पना के अनुरूप काम नहीं हुआ। रायपुर और नया रायपुर में स्मार्ट सिटी में करोड़ों की बंदरबांट शुरू हो गई।
आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि रायपुर में दो स्मार्ट सिटी लिमिटेड है। इनमें नवा रायपुर और रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड हैं। सभी निविदाएं आनलाइन जारी की गई थीं। न्यूनतम दर पर निविदा दी गई थी। कुछ प्रकरणों में सबलेट किया गया। यह सबलेट कुछ निविदाओं में हुआ, जो तय मानक के अनुरूप है। अधिकारियों की मिलीभगत से एक हज़ार करोड़ से ज्यादा का काम देना सही नहीं है।
चौपाटी निर्माण नियमों के विरुद्धः राजेश मूणत
विधायक राजेश मूणत ने रायपुर के एजुकेशन हब साइंस कालेज के पास निर्मित चौपाटी का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने चौपाटी के निर्माण को नियम विरुद्ध बताते हुए कहा कि बिना एनओसी के चौपाटी बना दी गई। यूथ हब के नाम पर प्रोजेक्ट लाकर चौपाटी बना दी। हाई कोर्ट को भी गुमराह कर दिया गया.
चुनाव के पहले इतनी हड़बड़ी थी कि दुकानों के अलाटमेंट की प्रक्रिया तेज कर दी गई। स्मार्ट सिटी के नाम पर लूट मचाकर रख दिया गया था। हम भूख हड़ताल पर बैठे थे। जिन व्यक्तियों ने नियम के विपरीत जाकर काम किया है, उनके विरुद्ध क्या जांच की जाएगी? इसे लेकर मंत्री चौधरी ने कहा- रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में सदस्य ने कई विषयों को रखा है। नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से जांच कराकर जो गलत हुआ है, उस पर कार्रवाई करने की घोषणा सदन में की गई है।