केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू को शहरी आवास मंत्रालय, राज्य के प्रमुख शहरों को विकास होने की उम्मीद, क्या इतिहास रच सकेंगे

बिगुल
रायपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर सांसद, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू को शहरी आवास विभाग का मंत्रालय आबंटित हुआ है. इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि राज्य के प्रमुख शहरों को विकास की नई गति मिलेगी. केबिनेट मंत्री मनोहर लाल खटटर के साथ इन्हें काम करने का मौका मिलेगा.
वैसे तो तोखन साहू विधायक और किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं इसलिए गहरा अनुभव रखते हैं, पर सनद रहे कि वे पहली बार सांसद बने हैं, उपर से उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया है इसलिए देखना होगा कि पूर्व केंद्रीय मंत्रियों विष्णु देव साय, रमेश बैस, डॉ. रमनसिंह, डॉ.चरणदास महंत और रेणुका सिंह के मुकाबले कितनी बड़ी लकीर खींच पाते हैं! श्री साहू के सामने पहली चुनौती राज्य की रेल व्यवस्था को दुरूस्त करना होगा.
पिछले ढाई सालों से प्रदेश के यात्री लगातार रेलें रदद होने और लेटलतीफी होने से परेशान हैं. अनुमान है कि अब तक तीन हजार से ज्यादा ट्रेनें रदद की गईं. इसका कुछ निदान श्री साहू को पहले निकालना होगा. दरअसल 2019 के मोदी मंत्रिमण्डल में रेणुका सिंह को केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया था लेकिन वे चार सालों तक राज्य को कुछ विशेष नही दिला सकीं. इसी तरह कई सांसदों ने भी यूंही समय काट डाला जबकि छत्तीसगढ़ कई मोर्चों पर जूझता रहा, सहता रहा. ऐसे में देखना होगा कि नए केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू कैसी नई लकीर खींचेंगे. वे किसी दबाव में तो काम नही करेंगे.
एक बात और कि अब यह मांग भी उठ रही है कि छत्तीसगढ़ से भाजपा को छप्पर फाड़ सीटें मिलती हैं लेकिन केंद्रीय मंत्रिमण्डल में प्रतिनिधित्व देने के तौर पर सिर्फ झुनझुना पकड़ा दिया जाता है जबकि एक या दो सांसद वाले दलों को केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. भाजपा को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. भाजपा को समय रहत चेत जाना चाहिए अन्यथा इस कमजोरी का लाभ विपक्ष भी उठा सकता है. हालांकि उसका रिकॉर्ड भी बहुत अच्छा नही है. 2004 से 2014 तक यूपीए के कार्यकाल में सिर्फ एक मंत्री चरणदास महंत को बनाया गया था, जिन्हें सिर्फ ढाई साल काम करने का ही मौका मिला.



