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अब पदाधिकारियों पर गिरेगी गाज ,लोकसभा चुनाव में भाजपा की संगठनात्मक कमजोरी हुई जगमग…

Now the officials will be punished, BJP's organizational weakness has come to the fore in the Lok Sabha elections...

आपको बता दे कि गोरखपुर क्षेत्र की 13 में से सात सीटों पर भाजपा को मिली हार से न केवल क्षेत्र में भाजपा की स्थिति कमजोर हुई है, बल्कि संगठनात्मक कमजोरी भी उजागर हो गई है। पार्टी नेतृत्व की ओर से एक के बाद एक जारी चुनावी दिशा-निर्देश का अनुपालन न होने की स्थिति सामने आ गई है। नेतृत्व की ओर से इसे लेकर मूल्यांकन शुरू हो गया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक जिम्मेदार पदाधिकारियों पर गाज गिरने की भूमिका भी तैयार होने लगी है।

प्रथम दृष्टया किए गए मूल्यांकन में जो तथ्य सामने आए हैं, उनमें नए नेतृत्व का पुरानी टीम के साथ सामंजस्य न बैठ पाना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। उदाहरण के तौर पर नए क्षेत्रीय अध्यक्ष का मनोनयन तो कर दिया गया, लेकिन उन्हें अपनी टीम बनाने का अवसर नहीं दिया गया।

इसी तरह जिलाध्यक्ष तो जिलों को दे दिए गए, लेकिन उन्हें पुरानी टीम के साथ ही काम करना पड़ा। ऐसे में न तो नए नेतृत्व को अपनी टीम का साथ मिला और न ही उनका पुरानी टीम पर भरोसा जगा। इसे लेकर एक अंतरविरोध जरूर देखने को मिला

नतीजा सब अपनी-अपनी चाल पर चले और नेतृत्व और कार्यकर्ता के बीच सामंजस्य का नितांत अभाव चुनाव के दौरान रहा। कई संसदीय क्षेत्रों में प्रत्याशी और संगठन के बीच ही नहीं बनी। प्रत्याशी ने संगठन की टीम की बजाय खुद की टीम पर ज्यादा विश्वास दिखाया, जिससे संगठन के कार्यकर्ता प्रत्याशी से हृदय से जुड़कर काम नहीं कर सके। ऐसे में उन्होंने पार्टी नेतृत्व के निर्देशों के पालन का केवल कोटा पूरा किया।

जवाबदेही में ही परेशान रहे कार्यकर्ता

पद की उम्मीद पालने वालोंं में नहीं दिखा जोश

जब भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने क्षेत्र और जिले के कार्यकर्ताओं को नया नेतृत्व दिया तो बहुत से कार्यकर्ताओं ने उनकी टीम में जगह बनाने के लिए जोड़तोड़ करना शुरू कर दिया। ऐसे लोगों को नई टीम के गठन न होने से निराशा हुई और चुनाव में पार्टी के लिए मेहनत करने का जोश ठंडा हो गया। इसका खामियाजा भी पार्टी को चुनाव में भुगतना पड़ा।

एक समस्या संगठन के प्रति जवाबदेही को लेकर भी रही। दरअसल पार्टी नेतृत्व हर चुनावी आयोजन का कार्यकर्ताओं से सबूत मांगता रहा। ऐसे में कार्यकर्ताओं काम करने से ज्यादा जवाबदेही को लेकर परेशान रहे। ऐसे में वह क्षेत्र में मतदाताओंं को साधने को लेकर वह प्रदर्शन नहीं कर सके, जिसकी उम्मीद पार्टी को थी।

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