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रेप मामले में न्यायालय की नई गाइडलाइन, शादी के झूठे वादे पर भी अगर सहमति से बनाया गया शारीरिक संबंध, तो रेप नहीं, जानिए पूरा फैसला

बिगुल
लखनउ. शादी के झूठे वादे पर भी अगर सहमति से बनाया गया शारीरिक संबंध तो उसे रेप नही माना जाएगा और सजा के ​लिए सिर्फ यही आधार नही होगा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यौन शोषण मामले में यह अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि सहमति के आधार पर लंबे समय से बनाए जा रहे शारीरिक संबंध को रेप बिल्कुल नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने महज शादी के झूठे वादे के आधार पर कई सालों तक सहमति से बनाए गए संबंधों को रेप मानने से इनकार किया।

नए कानून देश में ब्रिटिश राज से चले आ रहे इंडियन पीनल कोड (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और एविडेंस एक्ट की जगह आए हैं. नए कानून में बलात्कार के लिए धारा 375 और 376 की जगह धारा 63 होगी. सामूहिक बलात्कार की धारा 70 होगी.

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