आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जा रही सामग्री की गुणवत्ता जांच के लिए विशेष टीम गठित, 15 दिन में मांगी रिपोर्ट
बिगुल
छत्तीसगढ़ शासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जा रही सामग्री की गुणवत्ता जांच के लिए विशेष समिति गठित किया है। सामग्री की गुणवत्ता को लेकर शिकायतों मिलने पर सरकार ने यह सख्त रुख अपनाया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने इस संबंध में गंभीरता से संज्ञान लेते हुए जांच के लिए विशेष समिति के गठन का आदेश दिया है।
मंत्री राजवाड़े ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों और महिलाओं के लिए दी जा रही सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। मंत्री के निर्देशों के अनुपालन में महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक पदुम सिंह एल्मा ने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, जशपुर और सरगुजा जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित सामग्री की गुणवत्ता जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
इस समिति में संयुक्त संचालक (वित्त), महिला एवं बाल विकास संचालनालय (अध्यक्ष), प्रबंध संचालक, सीएसआईडीसी द्वारा नामित प्रतिनिधि (सदस्य), प्राचार्य, जीईसी रायपुर द्वारा नामित प्रतिनिधि (तकनीकी सदस्य), संबंधित जिला कार्यक्रम अधिकारी (सदस्य), सहायक संचालक, आईसीडीएस (संयोजक), आईआरक्लास सिस्टम एंड सॉल्यूशन प्रा. लि. द्वारा नामित प्रतिनिधि (तकनीकी सदस्य), और एसजीएस इंडिया प्रा. लि. द्वारा नामित प्रतिनिधि (तकनीकी सदस्य) शामिल हैं।
समिति को सामग्री की भौतिक स्थिति और गुणवत्ता मानकों की जांच का दायित्व सौंपा गया है। साथ ही, संदेहास्पद या परीक्षण योग्य नमूनों को राज्य शासन द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में भेजकर वैज्ञानिक विश्लेषण कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रदायित पोषण सामग्री पूर्णतः सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण और मानकों के अनुरूप हो। जांच समिति को 15 दिनों के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, जिसके आधार पर विभाग आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।



