शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई, शिक्षिका की याचिका पर प्रक्रिया पर 10 दिनों की लगाई रोक
बिगुल
छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण के मामले में बिलासपुर स्थित हाई कोर्ट में एक ही दिन दो आदेश जारी किए गए हैं. पहली याचिका समर वेकेशन के दौरान विद्यालयीन कर्मचारी संघ समेत 45 शिक्षकों की तरफ से लगाई गई थी. कोर्ट में दायर की याचिका में बताया गया था कि कलेक्टर मामले की सुनवाई नहीं कर रहे हैं.
जिला शिक्षा अधिकारी भी गैर गंभीर हैं. इसलिए इस पूरे मामले में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. हाई कोर्ट ने 5 जून को सुनवाई के दौरान युक्तियुक्तकरण को लेकर पेश याचिकाएं निराकृत कर दी हैं. जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा के वेकेशन कोर्ट में हुई मामले में सरकार की ओर से पेश तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने किया इस मामले को निराकृत किया है. सरकार की ओर से कहा गया कि सभी शिक्षकों को दावा आपत्ति के लिए समय दिया जाएगा. इस तर्क के बाद ही कोर्ट में संघ की तरफ से लगे इस पूरे मामले को निराकृत किया है.
हाई कोर्ट में दूसरी याचिका पर फैसला
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगाते हुए महासमुंद जिले की एक शिक्षिका को राहत दी है. हाईकोर्ट ने शिक्षिका की याचिका पर सुनवाई करते हुए युक्तियुक्तकरण पर 10 दिनों के लिए रोक लगाई है. न्यायालय ने शिक्षिका के अभ्यावेदन का नियमानुसार निराकरण करने का आदेश दिया है. यह आदेश फिलहाल केवल याचिकाकर्ता के लिए है और इसका प्रदेश के अन्य स्कूलों पर प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं होगा. हालांकि, इससे जुड़े अन्य मामलों की सुनवाई हाई कोर्ट में जारी रहेगी.
जानें पूरा मामला
महासमुंद जिले के गवर्नमेंट अभ्यास प्राइमरी स्कूल में पदस्थ शिक्षिका कल्याणी थेकर ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका वकील अवध त्रिपाठी के माध्यम से दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि उनके विद्यालय में 91 छात्र नामांकित हैं, जिसके अनुसार वहां एक हेडमास्टर और 4 शिक्षक होना अनिवार्य है. लेकिन संबंधित अधिकारियों ने जानबूझकर छात्रों की संख्या को 88 दर्शा दिया, जिसके आधार पर उन्हें अतिशेष शिक्षक घोषित कर दिया गया. इस त्रुटिपूर्ण गणना के कारण उनका नाम युक्तियुक्तकरण की सूची में डाल दिया गया और उन्हें दूरस्थ विद्यालय में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई.



