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पूर्व IAS टुटेजा की याचिका खारिज, वहीं बिना सबूत पत्नी पर चरित्रहीनता के आरोपों को कोर्ट ने माना क्रूरता

बिगुल
पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। याचिका में टुटेजा ने पूरी जांच और पुलिसिया कार्रवाई के साथ ही ईडी और एसीबी द्वारा की जारी कार्रवाई की मॉनिटरिंग कोर्ट द्वारा किए जाने की मांग की थी । इस अपील को हाईकोर्ट ने स्वीकार नहीं किया ।प्रदेश के चर्चित शराब घोटाला और मनी लांड्रिंग केस में पूर्व आईएएस जेल में हैं। पूर्व में एसीबी की कार्रवाई के खिलाफ टुटेजा द्वारा दायर की गई जमानत याचिका भी खारिज की जा चुकी है। इसके बाद ईडी के प्रकरण में उन्होंने जमानत याचिका दायर की थी।

सुनवाई के दौरान टुटेजा के वकील ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। राजनीतिक षडयंत्र के तहत उन्हें झूठे केस में फंसाया गया है। इसके साथ ही इस प्रकरण को चलते हुए काफी समय हो गया है और याचिका करता काफी दिनों से जेल में बंद है। ईडी की तरफ से उपमहाधिवक्ता डॉ. सौरभ पांडेय ने जमानत देने का विरोध करते कहा कि शराब घोटाला के अलावा डीएमएफ, कोयला घोटाला सहित और भी कई प्रकरण में वे आरोपी हैं। उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। ईडी की तरफ से कहा गया कि अब तक की जांच से पता चलता है कि याचिकाकर्ता अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर के साथ सिंडिकेट का मुख्य हिस्सा रहे हैं। ये स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता शराब घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक था। उसने सरकारी अफसर होने के नाते पद का दुरुपयोग किया।

बिना सबूत पत्नी पर चरित्रहीनता का आरोप मानसिक क्रूरता
पत्नी पर चरित्रहीनता और व्यभिचार के आरोप लगाने को हाईकोर्ट ने पति की मानसिक क्रूरता माना है। इसके साथ ही कोर्ट ने तलाक के लिए दायर पति की अपील खारिज कर फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। जस्टिस रजनी दुबे, जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच में प्रकरण की सुनवाई हुई। कोर्ट ने आदेश में कहा कि पति ने अपने बहनोई के समक्ष पत्नी की पवित्रता पर आरोप लगाया। बिना प्रमाण यदि उसके चरित्र की शुद्धता पर कोई आरोप लगाया जाता है, तो यह पति द्बारा पत्नी के विरुद्ध क्रूरता के समान है। इसके साथ ही कोर्ट ने तलाक देना उचित न मानते हुए पति की अपील खारिज कर दी।

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