सनातन विरोधियों को प्रदीप मिश्रा का जवाब, कहा ; उनसे पूछें उनके दादा-परदादा का क्या नाम था
बिगुल
इंदौर :- तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान के बाद शुरू हुआ सनातन पर विवाद का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। अब इंदौर में कथा करने पहुंचे पं प्रदीप मिश्रा ने सनातन पर उंगली उठाने वालों को जवाब देते हुए अपने पूर्वजों की जानकारी निकालने की बात कही है।
इसके साथ ही उन्होंने संतों के राजनीति में आने के सवाल पर भी जवाब दिया। पहले उनसे पूछा जाए कि उनके पिता, दादा और परदादा का नाम क्या था, वे पूर्व में क्या थे। मिश्रा ने कहा कि जिसने धर्म निकले हैं वे सनातन धर्म से ही निकले हैं। उन्होंने कहा कि वे भोलेनाथ से प्रार्थना करेंगे कि ऐसे लोगाें को सद्बुद्धि दें। पंडित मिश्रा ने कहा सनातनी राष्ट्र हित की बात करें। सनातन को साथ में लेकर चलना जरूरी है। सनातन धर्म बच्चों को संस्कार दे रहा है। वहीं संतों के राजनीति में आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि संत राजनीति में आते हैं तो उन्हें राष्ट्र हित की बात करना चाहिए।
पंडित प्रदीप मिश्रा पूर्व में भी सनातन मामले में बयान दे चुके हैं। प्रदीप मिश्रा ने छिंदवाड़ा में कथा के दौरान कहा था कि ‘सनातन धर्म के खिलाफ बोलने वाले डेंगू, मलेरिया और कोरोना की औलादें हैं। धर्म और राजनीति पर पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा, ‘आदिकाल से राजनीति और धर्म एक साथ चले आ रहे हैं। दशरथ जी महाराज हों, जनक जी महाराज हों, विक्रमादित्य महाराज हों, इनके साथ धर्मगुरु बैठते आए हैं। वे अपना मार्गदर्शन देते रहे हैं। राजनीति में धर्म अपना मार्गदर्शन समय, समय पर देता रहा है।