मतगणना स्थल में ईवीएम रखी गई सुरक्षित, आपत्ति पर गेट एंट्री अफसर बढ़ाए और अनावश्यक आवागमन कराया बंद
बिगुल
ग्वालियर :- विधानसभा चुनाव-2023 में मतदान होने के बाद जिस मतगणना स्थल में ईवीएम सुरक्षित रखी गई हैं, वहां की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी चूक सामने आई है। एमएलबी परिसर में अभी तक अंदर मुख्य इमारत तक पहुंचने के लिए मुख्य द्वार पर कोई रोकटोक ही नहीं थी, लगातार यहां अंदर जहां मुख्य इमारत व आसपास का कैंपस है और राजनीतिक दलों के लिए लगाई गई स्क्रीनों तक यहां आसानी से पहुंचा जा रहा था। बुधवार को यही हालात प्रशासन के अधिकारियों ने देखे तो आपत्ति की जिसके बाद एमएलबी के मुख्य द्वार पर पुलिस फोर्स लगाया गया और अब हर आने वाले का आइडी कार्ड चेक करके ही प्रवेश देना शुरू किया गया।
रक्षित निरीक्षक ने अधिकारियों के साथ यहां पूरे परिसर में निरीक्षण किया और मुख्य द्वार पर फोर्स लगाने के साथ ही कुछ अंदर कुछ अनावश्यक आवागमन बंद कराया। वहीं प्रशासन की ओर से अब एक विभाग का प्रमुख अधिकारी व एक नायब तहसीलदार तीन शिफ्टों में बुधवार से बढ़ा दिए गए।बता दें कि तीन दिसंबर को एमएलबी परिसर में मतगणना होना है और यहीं विधानसभा वार स्ट्रांग रूमों में ईवीएम को सुरक्षित रखा गया है।
यहां एमएलबी में तीन स्तर की सुरक्षा की व्यवस्था बनाई गई है लेकिन सबसे पहले प्रवेश देने वाली लेयर को लेकर ही व्यवस्था में गड़बड़ी सामने आ गई। सबसे बड़ी गलती यह रही कि ईवीएम को सुरक्षित रखने के बाद मुख्य द्वार से अभी तक कोई भी अंदर आ-जा रहा था, इसको लेकर पुलिस ने ध्यान नहीं दिया, जब यह बात प्रशासन के नोटिस में आई तो इसमें सुधार कराया गया। यहां जब रक्षित निरीक्षक सत्यप्रकाश मिश्रा व अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था को देख रहे थे तब उनके ही सामने जहां एलसीडी स्क्रीन कैमरों की लगाई गई हैं वहां से दो पहिया वाहन से कुछ लोग मैदान में रवाना होते हुए दिखे।
यहां आरआइ ने अधिकारियों के बीच कहा कि यह कैसे मैदान से आ-जा रहे हैं, इसे बंद कराया जाए। तत्काल बाद वहां काम कर रहे कर्मचारियों को अनावश्यक मैदान के रास्ते को बंद करने के लिए कहा। वहीं मुख्य द्वार पर एएसआइ की तैनाती की गई जो हर आने जाने वाली की रजिस्टर एंट्री शुरू कराई गई। एमएलबी परिसर में डिप्टी कलेक्टर नरेंद्र यादव की तैनाती की गई है लेकिन बुधवार से अब आठ आठ घंटे की शिफ्ट में एक विभाग के प्रमुख अधिकारी व एक नायब तहसीलदार को और लगाया गया है। एक डिप्टी कलेक्टर की चौबीस घंटे डयूटी नहीं लगाई जा सकती इसलिए प्रशासन ने यह बदलाव किए।