सुप्रीम कोर्ट के सामने एक गंभीर सवाल उठा, क्या किसी महिला पर रेप का मामला दर्ज किया जा सकता है….
बिगुल
दिल्ली :- देश में हर दिन रेप के तमाम केस सामने आते हैं। लेकिन ज्यादातर या लगभग सारे ही मामलों में आरोपी एक पुरुष होता है। लेकिन शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने एक गंभीर सवाल उठा कि क्या किसी महिला पर रेप का मामला दर्ज किया जा सकता है? यानी किसी महिला को IPC की धारा 375 के तहत रेप के मामले में आरोपी बनाया जा सकता है। दरअसल ये सवाल तब सामने आया, जब एक 62 साल की विधवा महिला ने दावा किया कि उसे अनावश्यक रूप से फंसाया गया है और उसके बेटे के खिलाफ झूठा रेप का मामला दर्ज किया गया है।बार एंड बेंच के मुताबिक, मामला जस्टिस हृषिकेश रॉय और संजय करोल की पीठ के सामने आया, जब कोर्ट ने इस बात पर संदेह व्यक्त किया कि क्या किसी महिला पर बलात्कार का मामला दर्ज किया जा सकता है।
कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा, “हमारे अनुसार, केवल एक आदमी पर ही आरोप लगाया जा सकता है।” अदालत ने मामले में विधवा द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को स्थगित करने से पहले नोटिस जारी किया।क्या है पूरा मामला?सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब पुलिस से एक 62 साल की विधवा महिला की याचिका पर जवाब मांगा है, जिस पर उसकी बहू की शिकायत पर रेप के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। विधवा महिला याचिकाकर्ता की ओर से पेश होते हुए, वकील ऋषि मल्होत्रा ने जस्टिस हृषिकेश रॉय और संजय करोल की पीठ के सामने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि किसी महिला पर सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है और इस सिद्धांत का मूल यह था कि एक रेप के मामले में महिला को आरोपी नहीं बनाया जा सकता।