मध्यप्रदेश

सितंबर खत्म कर रहा अगस्त का सूखा, एमपी के हर हिस्से में बारिश, जानिए आपके जिले का हाल

बिगुल

भोपाल :- मध्‍य प्रदेश पर मानसून इन दिनों मेहरबान है। बीते 24 घंटे से प्रदेश के लगभग हर हिस्‍से में मेघ बरस रहे हैं। इससे न सिर्फ बढ़ते तापमान से राहत मिली है, बल्कि सूखने की कगार पर पहुंच चुकी फसलों को भी या जीवनदान मिला है, इससे किसानों ने भी राहत की सांस ली है।

बैतूल में इस सीजन की सबसे तेज बारिश हुई है। तीन घंटे के भीतर नगर में 70 मिमी बारिश दर्ज की गई है। यह इस सीजन में कुछ ही घंटे में हुई सर्वाधिक बारिश रही। तेज बारिश के कारण माचना नदी में भरपूर पानी बहने लगा और कुछ ही घंटे में विवेकानंद वार्ड में बना एनीकट लबालब हो गया। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे के दौरान बैतूल जिले में गरज चमक के साथ तेज बारिश हो सकती है। वज्रपात की संभावना अधिक बनी हुई है। झमाझम बारिश होने से किसानों की चिंता दूर हो गई है। अवर्षा के कारण खरीफ की फसलें खासी प्रभावित हो रही थीं।

गुना में हुई बारिश से खरीफ फसलों को नया जीवनदान मिला है। हालांकि राघौगढ़ क्षेत्र में तेज हवाओं के चलने से कुछ किसानों की मक्के की फसल आड़ी हो गई। जिले में अब तक 569.9 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है। मौसम विभाग द्वारा आने वाले दिनों में भी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे खरीफ फसलों की पैदावार पर असर पड़ेंगा। हरदा जिला मुख्यालय सहित अधिकांश गांवों में तेज बारिश हुई। पिछले दो दिनों से हल्की बारिश हो रही थी, जो फसलों के लिए पर्याप्त नहीं थी। वहीं गुरुवार को हुई तेज बारिश से सोयाबीन, मक्का सहित अन्य फसलों में पर्याप्त पानी हो गया। इससे किसान काफी खुश नजर आए। हालांकि किसानों का कहना है कि अभी पर्याप्त बारिश नहीं मानी जा सकती। जमीन काफी सूख चुकी है। इसलिए अभी बारिश और होनी चाहिए ताकि फसलों में पानी की कमी दूर हो सके।

राजगढ़ में लंबे ब्रेक के बाद बीते दो दिनों से बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक 9 से 11 सितंबर तक सबसे तेज बारिश होने का अनुमान है। सारंगपुर तहसील में अब तक 494 मिलीमीटर औसत बारिश हुई है। जबकि सामान्य वर्षा 1040 मिलीमीटर है। मौसम विभाग ने एक सप्ताह तक और इसी तरह से बारिश होने के आसार जताए हैं। सागर में मौसम का मिजाज अभी ठीक है। दो दिन में 21.8 मिमी वर्षा हुई है। अभी बादल छाए हैं, हवाएं भी चल रही हैं। आगे भी इसी तरह मौसम रहने की संभावना है। गुरुवार को शाम चार बजे तक 779.3 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है। सोयाबीन धान और मक्का की फसल के लिए पानी की आवश्यकता थी और किसान भगवान से बारिश के लिए प्रार्थना कर रहे थे। बारिश होने से मौसम ठंडा रहने और बीमारियों पर भी अंकुश लगने की उम्मीद है।

सीहोर में बुधवार की रात से मौसम ने करवट बदली और बारिश का सिलसिला शुरू हुआ। गुरुवार की दोपहर को झमाझम बारिश ने गर्मी और उमस से राहत दिलाई। फिर भी अभी तक बीते वर्ष की अपेक्षा आधी बारिश हुई है। आष्टा क्षेत्र भर के ग्रामीण इला

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