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अवॉर्ड : कृषि वैज्ञानिक डॉ राजाराम त्रिपाठी को काका कालेलकर राष्ट्रीय सम्मान, कविता संग्रह बस्तर बोलता भी है’ के लिए मिला सम्मान

यह प्रतिष्ठित अवार्ड उन्हें आगामी 20 जनवरी को देश की राजधानी दिल्ली के “गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा भवन” के ‘सन्निधि सभागार’ में आयोजित शतक संगति समारोह में प्रदान किया जाएगा। यह कार्यक्रम गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा तथा विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान दोनों के संयुक्त तत्वाधान में संपन्न होने जा रहा है।

यह अवार्ड उन्हें देश के जनजाति साहित्य में योगदान के लिए तथा विशेष रूप से उनके कविता संग्रह बस्तर बोलता भी है के लिए दिया जा रहा है। जिसमें ज्यादातर कविताएं बस्तर तथा बस्तर की विसंगतियों पर केंद्रित हैंं. इस कार्यक्रम में डॉ त्रिपाठी द्वारा ‘जनजातीय साहित्य’ विषय पर बीज वक्तव्य भी पढ़ा जाएगा.

उल्लेखनीय है कि डॉ राजाराम त्रिपाठी का बहुचर्चित कविता संग्रह ‘मैं बस्तर बोल रहा हूं’ का कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है और उनकी हालिया प्रकाशित किताब ‘दुनिया इन दिनों’ की भी काफी चर्चा है. त्रिपाठी को यह अवार्ड मिलने से उनके शुभचिंतकों में हर्ष व्याप्त है.

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