छात्रावास अधीक्षक से बीईओ ले रही थी 31000 की रिश्वत, लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा

बिगुल
बिछुआ की विकासखंड शिक्षा अधिकारी रजनी आगामे को लोकायुक्त की टीम ने 30,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। पुलिस ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दरअसल, धनेगांव छात्रावास के अधीक्षक रमेश पराडकर ने लोकायुक्त में शिकायत की थी कि आदिवासी विभाग की विकासखंड शिक्षा अधिकारी रजनी आगामे बिछुआ के 12 छात्रावास अधीक्षकों से 50 सीटर छात्रावास के लिए 3,000 रुपये प्रतिमाह और 100 सीटर छात्रावास के लिए 6,000 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से सितंबर और अक्टूबर माह की कमीशन की कुल राशि 96,000 रुपये की मांग कर रही हैं।
लोकायुक्त की टीम ने शिकायत की पुष्टि के लिए रिश्वत की डिमांड से संबंधित रिकॉर्डिंग सुनी और फिर योजना बनाकर कार्रवाई की। रजनी आगामे ने रिश्वत की प्रथम किश्त 31,000 रुपये लेने की सहमति जताई थी। मंगलवार को उन्हें बिछुआ में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया। रजनी आगामे विकासखंड शिक्षा अधिकारी बिछुआ के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7 के अंतर्गत कार्रवाई की गई।
बताया गया कि हॉस्टल अधीक्षकों से वसूली का जिम्मा शासकीय बालक छात्रावास धनेगांव के अधीक्षक रमेश पराडकर को दिया गया था। प्रथम किश्त 31,000 रुपये लेने के लिए रजनी आगामे तैयार हो गई थीं। रमेश पराडकर ने इस संबंध में जबलपुर लोकायुक्त एसपी को शिकायत दी थी।
शिकायत के सत्यापन के लिए रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग कराई गई, जिसमें रजनी आगामे को रिश्वत की प्रथम किश्त स्वीकार करते हुए पाया गया। लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत और रिकॉर्डिंग के आधार पर मामला पंजीबद्ध किया। इस कार्रवाई में इंस्पेक्टर रेखा प्रजापति, मंजू किरण तिर्की, कमल सिंह उईके एवं लोकायुक्त जबलपुर की टीम शामिल रही।